शहरों में लगे पोस्टर
सामना संवाददाता / ठाणे
पिछले कुछ महीनों से ठाणे जिले के पालकमंत्री शंभुराज देसाई जिले के नागरिकों की समस्या को जानने के लिए जिले में नहीं आए हैं। डोंबिवली में कुछ दिनों पहले अमुदान कंपनी में हुए विस्फोट के कारण जिले के १६ मजदूरों की मृत्यु हो गई, लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना घटने के बावजूद पालकमंत्री जिले में दौरे के लिए नहीं आए। जिसके कारण मुरबाड में राकांपा (शरदचंद्र पवार) पदाधिकारी द्वारा बैनर लगाने से जिले में सनसनी पैâल गई है। बैनर पर पालकमंत्री शंभुराज देसाई ढूंढो और देसी मुर्गा और वालगनि की मछली (पहली बारिश में मलराना मछली) पाओ, ऐसा लिखा है।
पिछले कई महीनों से मुंबई – नासिक हाइवे पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। हाइवे से वासिंद, खातिवाली, आसनगाव रेलवे स्टेशन के पास राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा शुरू कार्य बहुत धीमी गति से शुरू है। आसनगांव – कसारा रेलवे मार्ग पर और नाशिक हाइवे से उड़ान पुल का कार्य तीन वर्षों से रुका हुआ है। इस पुल पर एक मार्ग से वाहन चल रहे हंै जिसके कारण प्रवासी परेशान हैं। यह सभी विषय रुके हुए हैं। इन सबकी जानकारी लेकर कामों को शुरू करने का कार्य पालकमंत्री देसाई का है लेकिन पालकमंत्री ठाणे जिले में दौरा न करने के कारण राजकीय दलों सहित नागरिकों में आक्रोश निर्माण हुआ है।
पालकमंत्री यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के विश्वासपात्र माने जाते हैं। इसलिए उन्हें सातारा का होने के बावजूद ठाणे जिले का पालकमंत्री बनाए जाने की चर्चा राजनीतिक गलियारे में शुरू है लेकिन अब ठाणे जिले के नागरिकों द्वारा मुख्यमंत्री से पालकमंत्री को जिले की समस्याओं को जानकर उनका समाधान करने के निर्देश देने की मांग की जा रही है।