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महाराष्ट्र का पहला दिव्यांग गोविंदा पथक

मुंबई। मुंबई सहित महाराष्ट्र भर में दही हंडी उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग इसकी तैयारी अभी से ही करने लगे हैं। इसी कड़ी में एक गोविंदा पथक चर्चा का विषय बना हुआ है। इस ग्रुप की खास बात यह है कि इसमें शामिल सभी गोविंदा दिव्यांग यानी दृष्टि बाधित हैं। हालांकि, इसमें कुछ अंशत: दृष्टिहीन युवा भी हैं। बताया जाता है कि संभवत: यह महाराष्ट्र का पहला दृष्टिहीन गोविंदा पथक है। खास बात यह है कि यह ग्रुप ट्रैकिंग भी करता है। नयन फाउंडेशन की तरफ से संचालित इस ग्रुप ने साल २०१३ में आयोजित एक दही हंडी उत्सव में पहली बार मानवीय थर (पिरामिड) बनाया था। इसके बाद साल २०१७ में महिलाओं ने भी पिरामिड बनाना शुरू किया और २०१९ में नयन ने पांच मंजिला पिरामिड बनाकर सबको चौंका दिया। फाउंडेशन के अध्यक्ष पोन्न अलगर देवेंद्र, जो खुद अंशत: दृष्टिहीन हैं, ने बताया कि दही हंडी उत्सव से मिली राशि का एक हिस्सा दृष्टिहीनों के बीच समान रूप से बांटा जाता है, जबकि बाकी राशि का उपयोग ट्रैकिंग और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है। रुईया महाविद्यालय के पूर्व छात्रों की मदद से फाउंडेशन दृष्टिहीन युवाओं के जीवन में सामाजिक भान और आत्मविश्वास की भावना जगाने का काम कर रहा है।

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