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पहले स्टील के गार्डर, अब कंक्रीट की कमी: मटेरियल के अभाव में लटका गोखले पुल!

सामना संवाददाता / मुंबई
अंधेरी-पूर्व व पश्चिम को जोड़नेवाले गोखले पुल का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। मनपा अधिकारियों के अनुसार इसी वर्ष मानसून से पहले उसके एक लेन को शुरू करने की योजना थी। लेकिन अब मटेरियल के अभाव में इस पुल का काम ठप हो गया है। एक तरफ स्टील के विशेष गार्डर की सप्लाई नहीं हो पा रही है तो दूसरी ओर ठेकेदारों की मनमानी से कंक्रीट की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। ऐसे में इस परियोजना की डेडलाइन बढ़ती ही जा रही है।
गोखले पुल का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया था लेकिन मटेरियल के अभाव ने इसकी रफ्तार को काफी धीमा कर दिया है। सबसे जरूरी गार्डर की सप्लाई यहां नहीं हो पा रही है। इसके लिए मनपा की ओर से जिंदल स्टील और सेल इंडिया को पत्र लिखकर गार्डर सप्लाई की मांग की गई है। पहले मई में शुरू करने का अनुमान था। बाद में अक्टूबर हुआ, अब दिसंबर तक इसे शुरू करने का अनुमान जताया जा रहा है।
मनपा आयुक्त और प्रशासक इकबाल सिंह चहल ने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष नवीन जिंदल और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सोमा मोंडल को पुल के महत्व को बताते हुए स्टील गार्डर सप्लाई की मांग की है। मनपा ने कहा कि गोखले पुल छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अंधेरी मेट्रो रेलवे स्टेशन के पास एक महत्वपूर्ण लिंक है, जो अंधेरी-पूर्व और अंधेरी-पश्चिम जुहू को सीधे कनेक्ट करता है।
विशेष है गोखले पुल का गार्डर
गोखले पुल में ९० मीटर का डक बनाया जा रहा है। अंधेरी स्टेशन से सटे गोखले पुल के दोनों छोर के बीच एक भी पिलर नहीं बनाया जा रहा है। इसके लिए विशेष स्टील के गार्डर का उपयोग किया जा रहा है।

सबअर्बन क्षेत्र में यातायात के लिए गोखले ब्रिज बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर समय से पहले निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ तो मानसून के दिनों में रोड जाम की समस्या बढ़ जाएगी और लोगों को यातायात के लिए ज्यादा समय देना पड़ेगा।
-पंकिल साहू- ओशिवारा, स्थानीय निवासी

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