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दिल का दौरा पड़ने से जा रही फिटनेस फ्रीकों की जान … कोविड महामारी के बाद बढ़ी दिल की बीमारी

 लगातार सामने आ रहे हैं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले
 विशेषज्ञों ने बताया इसके पीछे की वजह
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ महीनों में एक चौंकानेवाले तथ्य सामने आया है कि देश में दिल की बीमारी के कारण कई युवाओं की मौत हो गई है। अधिकांश की मृत्यु अचानक हृदयाघात से हुई है। जिम में वर्कआउट करते समय मौत के मामले भी सामने आए हैं। कोरोना महामारी के बाद से दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। देश में हार्ट अटैक अथवा कार्डियक अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब एक बार फिर कोरोना के नए जेएन.१ वैरिएंट ने सिरदर्द बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना है कि फिटनेस प्रâीक लोगों में दिल का दौरा पड़ने से जान जाने का जोखिम अधिक होता है। इसे देखते हुए ऐसे लोगों को सजग रहने की जरूरत है।
हिंदुस्थान में कोविड-१९ पैâलने के बाद से कई मौतें हुई हैं और चिंता की बात यह है कि दिल का दौरा पड़ने से मरनेवालों में फिट युवा, मशहूर हस्तियां और यहां तक कि स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। हाल ही में नौवीं कक्षा के छात्र योगेश सिंह की जयपुर के एक निजी स्कूल की कक्षा में संदिग्ध दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। एक हफ्ते पहले कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के एक स्कूल में सातवीं कक्षा की १३ वर्षीय लड़की की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। इस तरह के एक-दो नहीं, बल्कि अनगिनत मामले सामने हैं। पिछले साल आईसीएमआर ने कहा था कि कोरोना के गंभीर संक्रमण से उबर चुके लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक है। इस तरह के लोगों को कई महीनों तक अत्यधिक वर्क आउट न करने की सलाह दी गई है।
युवाओं में दिल का दौरा पड़ने की बढ़ी घटनाएं
मुंबई के रिलायंस अस्पताल में पुनर्वास और खेल चिकित्सा के निदेशक डॉ. आशीष कॉन्ट्रैक्टर के अनुसार, युवा और फिट व्यक्तियों में व्यायाम से संबंधित मौतें देखी गई हैं। स्वस्थ हृदय वाले व्यक्ति में अचानक कार्डियक अरेस्ट दुर्लभ है। व्यायाम हृदय की समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है, जो छिपी हुई और अज्ञात हृदय समस्याएं होती हैं, लेकिन यह हृदय रोग का कारण नहीं हो सकता है। ऐसे कई संभावित कारण हैं, जिनकी वजह से व्यायाम के बाद व्यक्तियों में अचानक हृदय संबंधी समस्याएं विकसित हो जाती हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है।
व्यायाम करनेवालों में डर का माहौल
ऐसा कहा जाता है कि तंदुरुस्त और फिट रहने से बीमारियों से बचा जा सकता है, लेकिन हाल के महीनों में युवा, फिट और फिटनेस के प्रति जागरूक लोगों में दिल के दौरे की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे उन लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है, जो फिट रहने के लिए व्यायाम करना चाहते हैं।
अब तक हार्ट अटैक से हुई मौतें
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, २०२१ की तुलना में २०२२ में दिल के दौरे से होनेवाली मौतों की संख्या में १२.५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि २०२२ में दिल के दौरे से ३२,४५७ लोगों की मौत हुई, जो काफी अधिक है। पिछले वर्ष २८,४१३ मौतें दर्ज की गर्इं।
इस तरह बढ़ता है खतरा
विशेषज्ञों ने ऐसे कई कारण भी बताए हैं, जो दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाते हैं। इसमें उच्च सोडियम आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, गतिहीन जीवनशैली आदि शामिल है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च हीमोग्लोबिन का स्तर दिल के दौरे, स्ट्रोक और रक्त के थक्कों के खतरे को भी बढ़ा सकता है। चिकित्सकों के मुताबिक, गंभीर रूप से कोविड से बचे लोगों को अक्सर लंबे समय तक शारीरिक तनाव और जटिलताओं का अनुभव होता है, लेकिन कुछ सामान्य शारीरिक तनावों में श्वसन संबंधी चुनौतियां, हृदय संबंधी समस्याएं, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, तंत्रिका संबंधी लक्षण, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं और घ्राण और स्वाद संबंधी गड़बड़ी शामिल हैं।

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