मुख्यपृष्ठनए समाचारसाढ़े पांच करोड़ रुपए टॉयलेट में हो गए फ्लश!

साढ़े पांच करोड़ रुपए टॉयलेट में हो गए फ्लश!

-कंटेनर टॉयलेट में लगा ताला

-आम नागरिक नहीं कर पा रहे हैं उपयोग

-ठाणे में सड़कों के किनारे और स्लम इलाकों में बनाए गए थे ३० कंटेनर शौचालय

पंकज तिवारी / ठाणे

एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद ठाणे में कई सार्वजनिक अभियान शुरू किए गए थे, जिनमें से एक था ‘मुख्यमंत्री के बदलते ठाणे’। लेकिन यह अभियान अब भ्रष्टचार की बलि चढ़ चुका है। दरअसल, इस अभियान की पोल कंटेनर टॉयलेट ने खोलकर रख दी है। ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा सड़कों और झोपड़पट्टियों में बनाए गए कंटेनर टॉयलेट पर लगभग साढ़े ५ करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन इतने पैसे टॉयलेट में फ्लश होने की बात कही जा रही है, यानी जनता की कमाई के ये पैसे बरबाद हो गए हैं, क्योंकि इन कंटेनर टॉयलेट में अब ताला लगा हुआ है और आम जनता इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही है।
क्या थी योजना?
बता दें कि ठाणे महानगरपालिका ने ‘मुख्यमंत्री के बदलते ठाणे’ पहल के तहत शहर के ९०० सार्वजनिक शौचालयों में से ७०० की मरम्मत का काम शुरू किया था। शौचालयों की मरम्मत के चलते ठाणे की कई प्रमुख सड़कों और स्लम इलाकों  में शौचालय की सुविधा बंद हो गई है, जिसके बाद ऐसी जगहों पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। तदनुसार, मनपा के तत्कालीन आयुक्त अभिजीत बांगर ने ऐसी जगहों पर ३० कंटेनर शौचालयों का प्रस्ताव तैयार किया था। उक्त योजनाओं के लिए मनपा के पास पर्याप्त धनराशि न होने के कारण राज्य सरकार की तरफ से ५ करोड़ ४५ लाख रुपए का फंड मंजूर किया गया था।
नागरिकों को नहीं मिल रही शौचालय की सुविधा
वागले इस्टेट के रामनगर इलाके में भी कंटेनर शौचालय शुरू हो चुका है। आरोप है कि शहर में ३० कंटेनर टॉयलेट्स बनकर तैयार हुए करीब डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन इन शौचालयों पर अभी भी ताले लगे हुए हैं। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि इन कंटेनर शौचालयों की सुविधा नागरिकों को नहीं मिल रही है।
सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने झाड़ा पल्ला 
इस संदर्भ में मनपा के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग का कहना है कि उसकी जिम्मेदारी केवल शौचालयों के निर्माण  की थी, इसलिए उसने सभी ३० कंटेनर शौचालयों का निर्माण करके इसे मनपा के घनकचरा विभाग को सौंप दिया है। अब शौचालय को शुरू करने और हाउसकीपिंग की जिम्मेदारी घनकचरा विभाग की है। इस संदर्भ में जब घनकचरा विभाग के उपायुक्त तुषार पवार से फोन द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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