मुख्यपृष्ठनए समाचार१८ महीनों में पांच बड़े आतंकी हमले: १९ सैनिक शहीद!

१८ महीनों में पांच बड़े आतंकी हमले: १९ सैनिक शहीद!

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

एलओसी से सटे जुड़वा जिले राजौरी व पुंछ दूसरा कश्मीर बन गए हैं। इन दोनों जिलों में पिछले १८ महीनों में हुए पांच बड़े आतंकी हमलों और आधा दर्जन बम धमाकों में १९ सैनिक शहीद हो चुके हैं तथा ७ हिंदुओं की हत्याएं की जा चुकी हैं। इन सभी घटनाओं में शामिल सभी आतंकी फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं। इन्हीं पांच भयानक हमलों में कल का हमला भी सबसे भयानक माना जा सकता था जिसमें राष्ट्रीय रायफल्स के पांच जवान इसलिए जिन्दा जल गए क्योंकि आतंकियों ने पहली बार उत्तर-पूर्व में सक्रिय आतंकियोंं द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति को अपनाते हुए सैन्य वाहन को चारों ओर से घेर कर हमला बोला था जिस कारण आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे इन जवानों को जवाबी कार्रवाई का मौका ही नहीं मिला।
सेना प्रवक्ता ले कर्नल देवेंद्र आनंद के बकौल, कल के हमले में आतंकियों की संख्या कम से कम ४ थी जिसमें से दो ने वाहन को रोक कर हथगोले दागे थे, दूसरे ने जवानों पर गोलियां बरसाई थीं और तीसरे ने पेट्रोल टैंक को निशाना बना गोलियां दागीं तो वाहन आग की लपटों में घिर गया। नतीजतन पांच जवानों ने दम तोड़ दिया। राजौरी व पुंछ के एलओसी से सटे इन जुड़वा जिलों में यह कोई पहला आतंकी हमला नहीं था। पांच अगस्त २०१९ को धारा ३७० हटाए जाने के बाद आतंकियों ने कश्मीर से इन जुड़वा जिलों की ओर रूख करते हुए पहले सुरनकोट के चमरेर इलाके में ११ अक्तूबर २०२० को पांच सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले के पांच दिनों के बाद इसी आतंकी गुट ने पुंछ के भट्टा दुराईं इलाके में सैनिकों पर एक और घात लगा कर हमला किया तो ४ सैनिक शहीद हो गए। दोनों हमलों में शहीद होने वालों में दो सैनिक अधिकारी भी शामिल थे।
करीब १० महीनों की शांति के उपरांत आतंकियों ने फिर से राजौरी के दरहाल में सैनिकों पर हमला बोला तो पांच जवान शहीद हो गए। हालांकि सेना अभी तक इन हमलों में शामिल आतंकियों को न ही पकड़ पाई है और न मार गिराया जा सका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह एक ही गुट का काम था। जिसने फिर से इस साल के पहले महीने की पहली तारीख को ढांगरी में ७ हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया था।

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