मुख्यपृष्ठसमाचारउड़ता तीर : अलबेले टैक्स लगाएंगे...तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे!

उड़ता तीर : अलबेले टैक्स लगाएंगे…तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे!

प्रदीप मिश्र

सुन रहे हैं कि बजट ३.० में नए टैक्स लगाए जाएंगे। नए साल में नए गुल खिलाए जाएंगे। कुछ वास्तविक और कुछ ख्याली लगाए जाएंगे। दुनिया के दूसरे बड़े देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। तंज मत कसिए, न समझिए…हर तरफ से हां-हां ही हो रही है, कहीं से भी ‘न’ नहीं है। आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे जा रहे हैं। राजनीति से अलग दबाव टांगे जा रहे हैं। कागजों पर आंकड़े ही चंगे हैं। वास्तव में कपड़े उतर गए हैं और दावा करने वाले नंगे हैं। और सबको पता है कि अर्थ है तो धर्म है। धर्म का मर्म ही अहम कर्म है। काम के बाद मोक्ष की कामना है। यही पूजा, भक्ति और साधना-आराधना है। तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था के लिए हम वचनबद्ध हैं। झूठ-दर-झूठ, नफरत ही नफरत से, मर्जीवाड़े-फर्जीवाड़े से भुगतान के लिए प्रतिबद्ध हैं। पहले की किसी भी शख्सियत से मुकाबला नहीं होने देंगे। दूसरे का शरीर पोत देंगे पर खुद का मुंह काला नहीं होने देंगे।
पाप-पुण्य
मौजीलाल को पता है- `जन्म कर्म च‌ मे दिव्यमेवं यो। वेत्ति तत्त्वत: त्यत्तäवा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन।’ अर्थात-संसार में जो भी मनुष्य मेरी दिव्य प्रकृति को जानता है वह इस शरीर को त्यागने के पश्चात पुनर्जन्म नहीं लेता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। वह जानते हैं कि जीवन संभावनाओं का द्वार है। इसमें जैसा निवेश / कर्म करोगे, वैसा ही फल मिलेगा। इसलिए विकास के लिए प्रयास में गतिरोध नहीं आएगा। विकसित भारत के काम में आर्थिक अवरोध नहीं आएगा। नैतिक-अनैतिक, राजनीतिक-अराजनीतिक सब विकास के लिए न्यौछावर कर दिया जाएगा। अपनी धृष्टताओं और दूसरों के धत्कर्मों पर टैक्स लगाकर पाप-पुण्य बराबर कर दिया जाएगा। इसलिए मोक्ष मिलने में उन्हें कोई संदेह नहीं हैं। इसके बाद जीवन सार्थक हो जाएगा, फिर सोचना भी पाप होगा कि देह है या नहीं है। नेता नकल करते हैं और अपनी नकल रोकने के लिए सावधान करते हैं। वह बलशाली-प्रभावशाली होते हैं, इसीलिए कानूनी प्रावधान करते हैं।
अथ श्री टैक्स कथा…
शब्द-शब्द पढ़िए। धीरे-धीरे आगे बढ़िए। पहला प्रयास झूठ पर टैक्स लगाने का है। उच्चकोटि के झूठों की सर्वदलीय समिति की अध्यक्षता खुद करूंगा। सदर यानी सरगना हूं, इसलिए आमदनी के बदले ३५ फीसदी जीएसटी भरूंगा। नफरत पर भी ३० प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। दायरा पहले से अधिक बढ़ाया जाएगा। सोशल मीडिया पर सतत सक्रिय शोधार्थी बुद्धि शुद्धि के लिए इतना त्याग अवश्य करेंगे। जिसे वे जनता में लगा नहीं पाए, उस आग में अवश्य जलेंगे। भरोसा है कि टैक्स दे कर वे राष्ट्र को प्रगति पथ पर दौड़ाएंगे। स्वत: स्फूर्त मेधा और प्रज्ञा का परचम फहराएंगे। तीसरी वैâटेगरी में २५ परसेंट टैक्स का प्रावधान है। इस श्रेणी का नाम ही व्यवधान है। जो हैरान-परेशान हैं, उनकी मुश्किल बढ़ जाएगी लेकिन सोचिए देश की अर्थव्यवस्था कितनी बढ़ जाएगी। इसमें एजेंसियों का पूरा सहयोग लिया जाएगा। आरक्षण के रक्षण के बराबर योग किया जाएगा। जाहिर है यह संपूर्ण कर का शानदार आधा हिस्सा होगा। जानदार राशि के पीछे आधा झूठा किस्सा होगा। लक्ष्य पूर्ति के बाद सब कुछ बताया जाएगा। कानून में व्यवस्था कर समझाया जाएगा।
फेंकने-छेंकने के अलावा हर वक्त रेंकने-रेंगने और रोटी या आग सेंकने वालों को भी अपनी आय और हाय-हाय के एवज में रुपए का २० पैसा अर्थात पांचवा हिस्सा राष्ट्र के लिए समर्पित करना होगा। आबोहवा की बेहतरी, प्रदूषण के खात्मे और पर्यावरण की रक्षा के लिए अर्पित करना होगा। पार्टी में प्रवेश पर कर के साथ ही बाहर जाने पर एग्जिट टैक्स की व्यवस्था २०२६ से प्रारंभ की जाएगी। दरअसल, उस समय एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने पर बवाल होगा। मुख्यधारा से मुक्त और मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठों की संख्या पर सवाल होगा। स्वप्रेरणा कर लगाया जाएगा। खास दिन तय किया जाएगा। उस तारीख विशेष पर जोर होगा, जिसे कार्यकर्ता २१वीं सदी में उसी तरह याद रखें, जैसे २०वीं शताब्दी में प्रथम सेवक को याद रखा। मक्कारी और धिक्कारी पर भी टैक्स लगाया जाएगा। योजना बनाई जा रही है। २०२९ से पहले तीन वर्षीय परियोजना बनाई जा रही है। ज्यादातर जिम्मेदार नागरिक इसके लिए तैयार हैं। अपने-अपने अंशदान के लिए बेकरार हैं। जिन्होंने इससे पहले देश के लिए जुनून देखा हो तो ज्यादा से ज्यादा सच सामने लाएं। देश को गौरव के साथ बताएं।
नरेंद्र की जगह देवेंद्र
किंतु परंतु लेकिन…
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री क्या हो गए, वामन बिरादरी कपड़ा फाड़कर नाचने लगी। जोर से गाने-चिल्लाने लगी। असम के हिमंता विस्वासरमा को अविश्वसनीय और राजस्थान भजनलाल को अभी माननीय भी नहीं मानने वाले खुश हो गए। २०२९ में वे नरेंद्र की जगह सिर्फ देवेंद्र को देख रहे हैं। अमित शाह को पीछे फेंक रहे हैं। उत्तर प्रदेश से योगी देवेंद्र की राह रोकेंगे। दावा है कि अनुभव और अनवरतता-निरंतरता के आधार पर टोकेंगे।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

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