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कोहरे ने बढ़ाए मछलियों के भाव! …कीमतों में ७० प्रतिशत की बढ़ोतरी

सामना संवाददाता / मुंबई
कोहरे ने मुंबई में मछलियों के भाव बढ़ा दिए हैं। नवंबर २०२४ के अंत तक, एक मध्यम आकार का सरंगा ८०० रुपए में मिल रहा था। हालांकि, दिसंबर के अंत तक समुद्र में कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने से मछली की आवक कम हो गई और सरंगा की कीमत ढाई गुना बढ़कर २,००० रुपए हो गई है। सरंगा और सुरमई मछली की कीमत में यह बढ़ोतरी ३५ से ४० फीसदी है। सर्दियों में मछली की कीमत में यह बढ़ोतरी करीब ६० फीसदी होती है। हालांकि, इस मौसम में कोहरे के कारण समुद्र में विजिबिलिटी कम हो जाती है, मछली पकड़ने वाली नौकाओं को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए १०० समुद्री मील का निशान पार करना पड़ता है। गहरे समुद्र में मछली पकड़ने का स्तर जितना ऊंचा होगा, नाव को उतना ही अधिक र्इंधन की आवश्यकता होगी। हो हो गई है। मछुआरा संघ के प्रमुख देवेंद्र तांडेल ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप मछली की कीमत में वृद्धि हुई है। पहले समुद्र में १५ से २० नॉटिकल मील की दूरी पर मछलियां जाल में आ जाती थीं। अब फिशिंग में दस दिन का समय लगता है इसलिए लागत बढ़ती जा रही है।
उन्होंने बताया कि सर्दियों में मछली की कीमत ५०-६० फीसदी बढ़ जाती है। हालांकि, इस साल इसमें दस फीसदी का और इजाफा हुआ है यानी कुल बढ़ोतरी ७० फीसदी हो गई है। तांडेल ने कहा कि बड़े आकार का सरंगा, जो १,००० से १,२०० रुपए में उपलब्ध होता था, जो अब २,००० रुपए के पार चला गया है। पिछले १० से १५ दिनों से घने कोहरे के कारण मछुआरों को समुद्र की गहराई में जाना पड़ रहा है। इसके अलावा, नावें देर से आ रही हैं, जिससे मछलियों की कमी हो रही है। मछुआरों ने कहा कि इस वजह से नावों की लागत बढ़ गई है।

ईंधन, बर्फ और श्रम लागत में भी हुई वृद्धि
डीजल पर करीब १ लाख १४ हजार रुपए खर्च आता था। अब इसमें पचास हजार रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। इसी प्रकर प्रति टन बर्फ की कीमत २,२२० रुपए हो गई है। अतिरिक्त पांच दिन बर्फ के लिए ३३ हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। मछली की कीमत बढ़ने के पीछे यह भी मुख्य कारण है। तांडेल ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में मछली की कीमतें और बढ़ेंगी।

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