सामना संवाददाता / मुंबई
वर्ष २०३० तक भारत में फूड डिलीवरी मार्केट २ लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान कंज्यूमर बेस ४५ करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है बेन एंड कंपनी और स्विगी की रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया ईट्स’ में कहा गया है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट में सीएजीआर में १८ प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है। यह २०२३ में १२ प्रतिशत से बढ़कर २०३० तक २० प्रतिशत हो जाएगी।
फूड डिलीवरी मार्वेâट में बाहर खाना और घर पर ऑर्डर करके मंगाना शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट २०३० तक २.१२ लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में फूड डिलीवरी मार्वेâट का वर्तमान मूल्य ५.५ लाख करोड़ रुपए है अगले सात वर्षों में इस कारोबार के सालाना १०-१२ प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो २०३० तक ९ से १० लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि मजबूत बुनियादी कारकों से प्रभावित होगी। इनमें विस्तारित ग्राहक आधार, बढ़ती खपत के अवसर और आपूर्ति में वृद्धि शामिल है। इसके अलावा ऑनलाइन खाद्य वितरण में (लगभग) १८ प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है, जो २०३० तक कुल खान-पान सेवा बाजार में २० प्रतिशत का योगदान देगा। स्विगी फूड मार्केट प्लेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोहित कपूर ने कहा कि भारतीय खानपान सेवा बाजार में विशेष रूप से खाद्य वितरण में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि उच्च आय, डिजिटलीकरण, बेहतर ग्राहक अनुभव और नए अनुभवों को आजमाने की प्रवृत्ति ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।