मुख्यपृष्ठनए समाचारकोकण रेलवे की डबल ट्रैकिंग के लिए चाहिए रु. २९ हजार करोड़!

कोकण रेलवे की डबल ट्रैकिंग के लिए चाहिए रु. २९ हजार करोड़!

• केंद्र करे खर्च या कोकण रेलवे का करे भारतीय रेलवे में विलय
• शिवसेना सांसद विनायक राऊत की मांग
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
कोकण रेलवे को रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग सहित दक्षिण के लिए एक सुविधाजनक मार्ग के रूप में देखा जाता है। हालांकि, इस रूट पर वर्तमान में कई ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन अभी मौजूदा समय में केवल एक रेलवे ट्रैक है। इसलिए कोकण रेलवे की डबल ट्रैकिंग के लिए काफी समय से मांग है, इस पर करीब २९ हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। लेकिन उक्त लागत कोकण रेलवे की पहुंच से बाहर है। ऐसे में कोकण रेलवे की डबल ट्रैकिंग का खर्च केंद्र सरकार करे अथवा कोकण रेलवे का भारतीय रेलवे में विलय करने की मांग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद विनायक राऊत ने की है।
कोकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड की भारतीय रेलवे में विलय करने की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में केआरसीएल को केंद्र सरकार से कोई बजटीय समर्थन नहीं मिल रहा है, जिससे इसके ७३८ किमी रूट नेटवर्क पर बुनियादी ढांचा अपग्रेड करने का काम बाकी है।
कोकण रेलवे लाइन पर रोजाना २५-३० से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं। अब वंदे भारत ट्रेन भी चलेगी। लेकिन जैसे-जैसे ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है, उनकी गति धीमी होती जा रही है। ट्रेनों को स्टेशन पर लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कोकण रेलवे ने डबल-ट्रैकिंग का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत करीब २९ हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। लेकिन कोकण रेलवे की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए उक्त खर्च उनकी पहुंच से बाहर है। इसलिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के सांसद विनायक राऊत ने मांग की है कि केंद्र सरकार अगले तीन वर्षों तक केंद्रीय बजट में हर साल दस हजार करोड़ रुपए का फंड आवंटित करे अथवा केंद्रीय रेलवे में विलय करे।

शिवसेना संसद में उठाएगी आवाज
कोकण रेलवे मार्ग दक्षिण जाने का सबसे सुविधाजनक और निकटतम मार्ग है। सांसद विनायक राऊत ने स्पष्ट किया है कि इसलिए इस रूट का विभाजन जरूरी है और इसके लिए शिवसेना मानसून सत्र के दौरान संसद में आवाज उठाएगी।

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