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बहनों की सुरक्षा के लिए जनता सड़कों पर बहनों पर अत्याचार होते देख रहे हैं कंस मामा!-उद्धव ठाकरे का ‘घाती’ सरकार पर जोरदार हमला

भारी बारिश के बीच काला फीता बांधकर ‘महाविकास आघाड़ी’ का आंदोलन
सामना संवाददाता / मुंबई
बदलापुर में हुए अत्याचार के विरोध में महिलाओं और शिवसैनिकों ने भारी बारिश में भी शिवसेना भवन के पास जमा होकर असंवैधानिक सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हत्यारे को फांसी दो, फांसी दो…शिंदे सरकार हाय-हाय…कंस मामा हाय-हाय…इस्तीफा दो…इस्तीफा दो… कंस मामा इस्तीफा दो…जैसे नारों के साथ शिवसेना भवन और दादर क्षेत्र में सरकार के खिलाफ लोगों ने अपना आक्रोश प्रकट किया। इस दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कंस मामा बताते हुए और कटाक्ष करते हुए कहा कि बच्चियों पर अत्याचार होने के दौरान भी कंस मामा बेशर्मी से राखी पहनकर घूम रहे थे। इस अवसर पर शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे, सौ. रश्मि ठाकरे, नेता व सांसद संजय राऊत, सांसद अरविंद सावंत, विधायक अजय चौधरी और हजारों की तादाद में शिवसैनिक मौजूद थे। काला फीता बांधकर महाविकास आघाड़ी का यह बंद पूर्णत: सफल रहा। शिवसेना भवन के पास एकत्र हुए लोगों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में आज भी जीवंत लोग हैं। यहां एक भ्रष्ट सरकार शासन कर रही है। मुझे इस भ्रष्ट सरकार से नफरत है।

भारी बारिश में भी शिवसेना भवन के पास लोगों ने असंवैधानिक सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हत्यारे को फांसी दो, फांसी दो…शिंदे सरकार हाय-हाय…कंस मामा हाय-हाय…इस्तीफा दो…इस्तीफा दो… जैसे नारे गूंज रहे थे।

अपराधियों को बढ़ावा दे रही है सरकार! … उद्धव ठाकरे का ‘घातियों’ पर जोरदार प्रहार

यह सरकार हत्यारों को बचाने का काम कर रही है। बदलापुर की घटना के बाद सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार अपराधियों को बचाने में जुट गई है। इन शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ‘घाती’ सरकार पर जमकर प्रहार किया। भारी बारिश के दौरान एकत्रित लोगों और शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब न्याय के लिए सभी दरवाजे बंद हो जाएं तो लोगों के पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।
महाराष्ट्र बंद के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार के लिए कठिन था। इसका एहसास होते ही वह कोर्ट में चली गई। इस सरकार में कठिनाई का सामना करने का साहस नहीं है। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि सरकार को पता था कि महाराष्ट्र बंद सफल होगा इसलिए उन्होंने अपने गुर्गों को अदालत में भेजा और महाराष्ट्र बंद में बाधा पैदा की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के मामले पर तारीख पर तारीख दे रहा है। मुझे विश्वास है कि न्याय मिलेगा, लेकिन यह दिखाने के लिए धन्यवाद कि अदालत भी इतनी जल्दी और तत्परता से कदम उठा सकती है, उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर अदालत इतनी तत्पर है तो वह तत्काल निर्णय ले सकती थी। आज के दौर में भले ही हाई कोर्ट ने हमारे बंद पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन महाराष्ट्र के हर दिल में, हर घर में अत्याचार के खिलाफ और शिंदे सरकार के खिलाफ मशाल धधक रही है। यह बंद बहनों, माताओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए बुलाया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उस बंद में खलल डाला है। पिछले दिनों भी भारत बंद था। हालांकि, हमारे राज्य में इसका असर नहीं हुआ, लेकिन कई राज्यों में रेलवे भी बंद रही। तब ये याचिकाकर्ता कहां थे? ऐसे गंभीर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार और बंद में अड़ंगा डालने वालों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरसंहार का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ता भी विकृत हैं। उद्धव ठाकरे ने यह भी मांग की कि जो लोग महिलाओं पर अत्याचार करते हैं और अपने पापों पर पर्दा डालते हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें बहन-बेटियोेंं की सुरक्षा चाहिए। हर दिन कहीं न कहीं, कुछ न कुछ घटित हो रहा है। मुंबई, बदलापुर, अंबरनाथ, सोलापुर से घटनाएं सुनने में आ रही हैं। उन्होंने कहा कि भले ही आप हमारे आंदोलन को बंद करा दें, लेकिन आप हमारी आवाज बंद नहीं कर पाएंगे। हमारी आवाज इससे भी ऊंची होगी, अगर सरकार माताओं और बहनों की रक्षा करने में सक्षम नहीं है, तो शिवसैनिक बेटे और भाई के रूप में उनकी रक्षा करने में सक्षम हैं। ऐसा दावा करते हुए उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि हमने शक्ति कानून के संबंध में राष्ट्रपति को पत्र भेज दिया है। वे भी एक महिला हैं और पिछले दो साल से यह कानून वहां धूल खा रहा है। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी अनुरोध किया कि वे सरकार को झकझोर कर इस कानून को महाराष्ट्र में लागू करने के लिए बाध्य करें।

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