– लिखी फेसबुक पोस्ट…रीति-नीति पर सवाल उठाए,भाजपा को बताया ‘दलदल’
विक्रम सिंह / सुलतानपुर
गोरखपुर संभाग की बस्ती सीट से लगातार दो बार सांसद चुने जा चुके भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को इसबार हार का डर सताने लगा है। मतदाताओं में उन्हें विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं, जिससे परेशान द्विवेदी लगातार सियासी समीकरणों को दुरुस्त करने के फेर में हैं, लेकिन उनकी इस बाबत जितनी कोशिशें की जा रहीं हैं तमाम उल्टी पड़ रही हैं। ताजा मामला है सपा-बसपा व कांग्रेस से होकर गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह के सामने ‘भाजपाई’ हो जाने वाले यूपी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भाई बृजकिशोर सिंह का। दोनों लंबे समय से कोई चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं। विधानसभा की हर्रैय्या सीट तो राजकिशोर ने दो बार गंवाया ही २०१९ का बस्ती लोकसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़कर करारी शिकस्त खा चुके हैं। ऐसे में घाट-घाट का पानी पी चुके राजकिशोर-बृजकिशोर बसपा, सपा व कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में झंडा गाड़ना चाह रहे हैं। विरोधी बयार बहने से परेशान हरीश द्विवेदी को दोनों भाइयों ने माध्यम बनाया। द्विवेदी को भी अपने चुनाव की चिंता थी, सो वे दोनों को लेकर पहुंच गये अमित शाह के पास..और करा दी भाजपा ज्वाइन! इधर राजकिशोर व भाजपा प्रत्याशी द्विवेदी ने आमजन को ये खुशखबरी देने के लिए एफबी पोस्ट डाली, उधर दो बार से राजकिशोर को हर्रैय्या सीट पर शिकस्त देकर भाजपा से ही विधायक हो रहे अजय सिंह तिलमिला उठे। उन्होंने आव देखा न ताव, लिख डाली फेसबुक पर अपनी पोस्ट। उन्होंने भाजपा हाईकमान को तीखे लहजे में व्यंग बाण कसते हुए पार्टी हाईकमान के दोनों भाइयों को पार्टी सदस्यता दिलाने के फैसले पर जमकर लताड़ा। कहा कि ‘दलदल’ है भाजपा। उन्होंने गृहमंत्री शाह के साथ पूर्व मंत्री राजकिशोर और उनके भाई के चित्र को शेयर कर अर्थपूर्ण अंदाज़ में सवाल खड़े किए। यह भी कहा कि …आगे शुभ रात्रि! विधायक अजय सिंह का गुस्सा होना और अपनी ही पार्टी की रीति नीति पर सवाल खड़े करना भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है।