मध्य प्रदेश के एक शख्स ने ११ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उपभोक्ता फोरम में चल रहे केस को जीत लिया है। दरअसल, मामला ६०० रुपए के जूतों से जुड़ा था। यह केस साल २०१३ में किया गया था।
बीती १५ दिसंबर को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में बताया था कि देश की अदालतों में ५ करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग पड़े हैं। मतलब देश में कानूनी लड़ाई लड़ना आसान काम नहीं है। मध्य प्रदेश का एक आम आदमी भी इस कतार में शामिल था, लेकिन उसने ११ साल की चली कानूनी लड़ाई को जीत लिया है। यह बात अलग है कि भले ही यह केस ६०० रुपए के जूते से जुड़ा था, लेकिन इस शख्स ने आज से ११ साल पहले आत्मसम्मान और हक की खातिर उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया था। उपभोक्ता फोरम ने राज्य उपभोक्ता फोरम के निर्णय के उपरांत पैâसला सुनाया है और वो ये केस जीत गए।
दरअसल, बीते ११ साल पहले शिवराज ठाकुर नामक शख्स ने ६०० रुपए के जूते एक दुकान से खरीदे, लेकिन दो दिन भी ठीक से नहीं बीते और जूता खराब हो गया। जूते का सोल यानी तलवा निकल गया। शिकायत लेकर पहुंचे तो दुकानदार ने मना कर दिया और वापस करने से साफ इनकार कर दिया। वापसी की स्थिति में अतिरिक्त रुपयों की मांग करने लगा। यह घटना साल २०१३ में सुभाष चौक स्थित ज्योति फुट वेयर की दुकान की है।
मामला बिगड़ता देख दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस पर ग्राहक और दुकानदार के बीच जमकर कहासुनी होने लगी। उन्होंने जब उपभोक्ता फोरम जाने की बात कही तो दुकानदार ने आवेश में आकर कहा कि ऐसे बहुत देखे हैं, उपभोक्ता फोरम जाकर क्या कर लोगे। वहां २,००० रुपए लगते हैं। शिवराज ने कहा कि अभी तक केवल लेन-देन की बात थी, अब आप मेरी औकात की भी बात करने लगे। उन्होंने अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए ही उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया था।
शिवराज ठाकुर ने बालाघाट उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया, जहां दो महीने तक चले प्रकरण में मामूली मुआवजा मिलने पर शिवराज संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस प्रकरण की अपील राज्य उपभोक्ता फोरम भोपाल में कर दी। उन्होंने बताया कि वहां से मुझे न्याय मिला। वर्ष २०१३ से लेकर वर्ष २०२४ तक चले इस प्रकरण में मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग भोपाल द्वारा उस दुकानदार पर जुर्माना लगाया गया।
दुकानदार को मामले में गलत ठहराते हुए ६०० रु. जूते की मूल राशि के अलावा, ६ प्रतिशत वार्षिक ब्याज, शारीरिक एवं मानसिक क्षति के लिए १,००० रुपए और अपील क्षति के लिए १,००० रुपए सहित कुल ३ हजार ४० का भुगतान ग्राहक शिवराज ठाकुर को करने का आदेश दिया।