सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव के मद्देनेजर लाडली बहन योजना के विज्ञापनबाजी पर २७० करोड़ की फिजूलखर्ची के बाद भी घाती सरकार की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है। अब राज्य सरकार ने कृषि विभाग की विज्ञापनबाजी पर १४.६९ करोड़ रुपए खर्च करने का पैâसला किया है। लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी किसानों की नाराजगी का असर न पड़े इसके लिए कृषि विभाग विज्ञापन अभियान शुरू करने जा रहा है। लोकसभा चुनाव में महिलाओं और किसानों के असंतोष से महायुति को तगड़ा झटका लगा था। इसलिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की घोषणा की गई। विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए इस योजना को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर २७० करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस बीच किसानों को खुश करने के उद्देश्य से शिंदे ने खरीफ सीजन की बैठक में लोकसभा चुनाव में हार के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम किसानों के लिए योजना बनाते हैं, लेकिन आप उन योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचाते। इसलिए कृषि विभाग अपनी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर साढ़े चौदह करोड़ रुपए खर्च करेगा।
डिजिटल मीडिया में जमकर खर्च
सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर ढाई करोड़, डिजिटल मीडिया पर एक करोड़, मराठी भाषा में बल्क एसएमएस पर ढाई करोड़, निजी होर्डिंग पर दो करोड़, पोस्टर और बैनर की छपाई पर एक करोड़ चालीस लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।