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यूपी समेत १२ राज्यों के टोल प्लाजा पर फर्जीवाड़ा …रु.१२० करोड़ का टोल घोटाला …घोटाले का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एनएचएआई के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देशभर में फैले टोल वसूली के नेटवर्क से १२० करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया। लखनऊ एसटीएफ ने बीते मंगलवार को मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर टोल मैनेजर समेत ४ लोगों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से ५ मोबाइल, दो लैपटॉप, प्रिंटर समेत १९ हजार रुपए भी बरामद किए। एसटीएफ के इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि एनएचएआई के दर्जनों टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि १२ राज्यों में एनएचएआई के २०० टोल प्लाजा पर इस तरह की गड़बड़ी की जा रही थी। अकेले मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर हर रोज ४० से ५० हजार रुपए की गड़बड़ी की जा रही थी। यह गड़बड़ी दो साल से जारी थी और इस तरह अकेले अतरैला टोल प्लाजा पर ही ३ करोड़ २८ लाख रुपए का गबन किया जा चुका है।
बिना फास्टैग और फास्टैग अकाउंट में कम पैसे वाले वाहनों से टोल प्लाजा के कंप्यूटर में एनएचएआई के सॉफ्टवेयर सर्वर में गड़बड़ी कर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता था। एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे रैकेट को अंजाम देने वाला आलोक नाम का एक इंजीनियर है, जो एनएचएआई के सॉफ्टवेयर बनाने और इंस्टॉल करने का काम करता है। आलोक एमसीए किया हुआ है और पहले टोल प्लाजा पर ही काम करता था। टोल प्लाजा पर काम करते हुए ही वह टोल प्लाजा का ठेका लेने वाली कंपनियों के ठेकेदारों के संपर्क में आया।

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