• होगी प्रमाणपत्रों की जांच
• संबंधित अस्पतालों को जारी हुए आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा द्वारा संचालित मुलुंड से एम.टी. अग्रवाल अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाइ (आईसीयू) में संविदा पर नियुक्त किए गए फर्जी डॉक्टरों के काम करने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि ये डॉक्टर फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर खुलेआम प्रैक्टिस कर रहे थे। हालांकि, फर्जीवाड़ा के उजागर होते ही मुंबई मनपा के स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और वह सतर्क हो गया है। इसके तहत मनपा के १६ उपनगरीय अस्पतालों की आईसीयू में बाहरी स्रोतों द्वारा मुहैया कराए गए संविदा डॉक्टरों की डिग्री और प्रमाणपत्र की जांच करने का पैâसला लिया गया है। इस संबंध में संबंधित अस्पतालों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अस्पताल की लापरवाही आई सामने
उल्लेखनीय है कि मुंबई मनपा के उपनगरीय अस्पतालों में आईसीयू चलाने के लिए विभिन्न संस्थाओं को ठेका दिया गया है। इसी क्रम में मुलुंड में एम.टी. अग्रवाल अस्पताल में आईसीयू का ठेका जीवनज्योत ट्रस्ट को दिया गया था। कुछ दिन पहले अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजनों ने मामले की जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच हुई तो पता चला कि इस अस्पताल में कार्यरत कुछ डॉक्टरों की डिग्री सर्टिफिकेट फर्जी थे। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुंबई मनपा ने जीवनज्योत ट्रस्ट और अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित आईसीयू में सभी डॉक्टरों के डिग्री प्रमाणपत्रों की जांच करने का निर्णय लिया है।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
इससे पहले संताक्रुज में स्थित वी.एन. देसाई अस्पताल में भी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करने वाले डॉक्टरों की योग्यता पर सवाल उठाया गया था। अगस्त २०२२ में आईसीयू में मरनेवाले एक मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र में देरी हुई थी। इस पर अस्पताल में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद पता चला कि कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत डॉक्टर महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड ही नहीं था। उस समय मनपा ने आईसीयू में अनुबंध के आधार पर डॉक्टर उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को पत्र भेजकर कहा था कि ऐसे डॉक्टरों को काम पर नहीं रखा जाए। लेकिन उसके बाद भी संस्थाएं आईसीयू में फर्जी डॉक्टरों की सेवाएं देकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रही है।