सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिली साइकिल
बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है। वैसे मध्य प्रदेश का भविष्य पैदल चल रहा है। शिक्षा सत्र शुरू हुए साढ़े तीन माह हो चुके हैं, लेकिन दमोह जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा ६वीं और ९वीं के छात्रों को साइकिलें नहीं मिल पाई हैं, जिससे पात्र बच्चों को पैदल ही स्कूल जाना पड़ रहा है। यह योजना सत्यापन के फेर में उलझकर रह गई है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गांव में पढ़ने वाले बच्चों की सुविधा के लिए यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत ६वीं व ९वीं कक्षा के ऐसे छात्र, जिनके गांव की दूरी स्कूल से दो किमी दूर है, उन्हें नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। इस बार अभी तक बच्चों को साइकिल प्रदान नहीं की गई है। हालात यह है कि कई गांव में तो बच्चे कच्चे मार्ग से होकर स्कूल पहुंचते हैं।
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक साइकिल वितरण के लिए सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। अनेक संकुल केंद्रों द्वारा मैपिंग का काम किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में ८,७०७ बच्चों की मैपिंग हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों में अभी भी बच्चे प्रवेश ले रहे हैं। ऐसे में कोई भी पात्र बच्चा छूट न जाएं, इसके लिए इस कार्य में कुछ समय लग रहा है। दो, तीन दिन में मैपिंग पूर्ण होने की बात कही जा रही है। इसके बाद पूरी जानकारी भोपाल भेजी जाएगी। ऐसे में अभी बच्चों को साइकिल वितरण के लिए एक माह का और समय लग सकता है। बता दें कि शासन द्वारा बीते साल साइकिल की ४,५०० रुपए की राशि बच्चों के खाते में डाली गई थी, ताकि वह अपनी मनपसंद साइकिल खरीद सकें। बीते साल जिले के नौ हजार बच्चों को इस योजना के तहत नि:शुल्क साइकिल मिली थी, जबकि इस बार अभी तक ८,७०७ बच्चे पात्र पाए गए हैं। यह संख्या कुछ और बढ़ सकती है।