मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाफ्रांस का फसाद! सस्ते मजदूरों की महंगी भरपाई

फ्रांस का फसाद! सस्ते मजदूरों की महंगी भरपाई

फ्रांस आज सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलस रहा है। १७ वर्षीय नेहाल की पुलिस द्वारा की गई कथित हत्‍या के बाद हालात बेकाबू हैं। इन स्थितियों के बीच ही ट्विटर पर मौलाना इमाम तौहीदी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। तौहीदी ने इस इंटरव्‍यू में कट्टरपंथ के बारे में बात की है। वीडियो में इमाम तौहीदी ने कहा है, ‘आप मुसलमान देशों में जाते हैं और ऐसा कूड़ा (अपराधी) चुनते हैं, जिन्‍हें मुस्लिम देश खुद अपने यहां जेल में रखना चाहते हैं या फिर उन्‍हें समाज से अलग रखना चाहते हैं। आप वहां जाते हैं और सस्‍ते मजदूरों को ले आते हैं, लेकिन इस्‍लामिक चरमपंथी काम नहीं करना चाहते हैं। ये सस्ते मजूदर मुफ्त की कल्‍याणकारी योजनाओं का फायदा उठाते हैं। वो प्रâेंच महिलाओं से शादी करते हैं लेकिन उनके पास काम करने के लिए समय नहीं है।’ देश-विदेश में ‘शांति का इमाम’ नाम से मशहूर इमाम तौहीदी के मुताबिक, फ्रांस में चल रहा फसाद और कुछ नहीं, बल्कि सस्ते मजदूरों की महंगी भरपाई है, जिसे आज पूरा फ्रांस भुगत रहा है।
चरमपंथी संगठनों को नहीं है स्थान
वीडियो में उन्‍होंने बताया है कि किस तरह से आईआरजीसी मुसलमान देशों में अपनी गतिविधियों को संचालित ही नहीं कर सकता है। मुसलमान देशों से बचता हुआ यह संगठन आसानी से अमेरिका, यूके, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया में संचालित हो रहा है। इमाम तौहीदी के मुताबिक, मुसलमान चरमपंथी संगठनों जैसे हेजबोल्‍ला, मुस्लिम ब्रदरहुड बहरीन, ओमान, अबू धाबी देशों में ऑपरेट नहीं कर सकते हैं। फिर वो कहां जाते हैं? वो लंदन, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया जैसे देशों में अपनी गतिविधियां चलाते हैं और बैंक अकाउंट तक खोल लेते हैं।’

फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रों पर भड़के इमाम
इसके बाद वे फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुलए मैक्रों पर जमकर भड़के। उन्‍होंने कहा, ‘फ्रांस के राष्‍ट्रपति मैंक्रो ने हाल ही में कहा कि इस्‍लामिक देश संकट में हैं। मेरा मानना है कि आप संकट में हैं। हमारे पास बोकोहराम, अलकायदा और तालिबान जैसी समस्‍याएं हैं। लेकिन अगर आप एक बड़ी तस्‍वीर देखेंगे तो इस्‍लाम काफी सफल है और आगे बढ़ रहा है। दुबई, अबू धाबी, बहरीन, कुवैत, इन देशों में तो कोई संकट नहीं है और ये मुसलमान देश काफी अच्‍छा कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद को दो तरह से अंजाम दिया जा रहा है। पहला तो मुसल मान देशों में और दूसरा वहां, जहां इन्हें शरण मिल रही है। कितना बड़ा मजाक है कि इस्‍लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) और उसके समर्थक सऊदी अरब और यूएई में ऑपरेट नहीं करते हैं और न ही उनके बैंक अकाउंट हैं।

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