- पाकिस्तान और रूस ने किया कारोबार समझौता
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
रूस-भारत का परंपरागत दोस्त है। भारत और रूस दोनों ने एक-दूसरे का विपत्ति में साथ दिया है। यूक्रेन से जंग के दौरान जब पूरी दुनिया के देश रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे थे, यूएन में रूस के खिलाफ लगातार प्रस्ताव पर प्रस्ताव लाए जा रहे थे, तब यह भारत ही था जिसने रूस के खिलाफ एक बार भी वोट नहीं किया। पश्चिमी देशों यहां तक कि अमेरिका ने भी भारत पर बहुत दबाव डाला कि रूस के साथ कारोबार न करे। लेकिन भारत ने अपने पुराने दोस्त और पीएम मोदी ने अपने गहरे दोस्त पुतिन का ही साथ दिया। लेकिन अब रूस भारत के साथ दगाबाजी करने पर उतर रहा है। भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के साथ रूस ने कारोबारी समझौता किया है। रूस से पाकिस्तान की करीबी भारत के लिए टेंशन बढ़ा सकती है।
मुस्लिम देश रूस से मजबूत कर रहे दोस्ती
पाकिस्तान और रूस ने दोनों ने कारोबारी लागत को आसान बनाने और कम करने के लिए एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता रूस के कजान में आयोजित मुस्लिम देशों के लिए तीन दिन के आर्थिक सम्मेलन में किया गया। इस सम्मेलन में ८५ मुस्लिम देशों ने शिरकत की। इसका उद्देश्य मुस्लिम देशों के साथ रूस की दोस्ती को मजबूत करना था। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री नवीद कमर शामिल हुए थे। अपनी यात्रा के दौरान नवीद कमर ने रूस के तातारस्तान के नेता रुस्तम मिनिखानोव के साथ बैठक की। नवीद कमर ने कहा कि रूस और पाकिस्तान ने अपने व्यापार और राजनीतिक संबंधों को बढ़ाने में अहम प्रगति की है।
तेल खरीदी पर रूस खेलने लगा ‘गेम’
भारत जो इस समय रूस के साथ कच्चे तेल की खरीदी कर रहा है। वही रूस अब भारत को कच्चा तेल बेचने पर रुपए और रूबल के पेच में फंसा रहा है। रूसी विदेश मंत्री ने पिछले दिनों भारत दौरे के दौरान कहा है कि भारतीय रुपए में कारोबार से उन्हें दिक्कत हो रही है, वहीं दूसरी ओर चीन को वह चीनी मुद्रा युआन में तेल बेच रहा है। यह दोहरा रवैया रूस अपनाने लगा है। रूस चीन को ‘हां’ और भारत को ‘न’ करने का प्रयास कर रहा है।
रूस-पाकिस्तान में कौन सा समझौता हुआ?
पाकिस्तान और रूस के बीच हुए समझौते के तहत पाकिस्तान की कॉमर्स मिनिस्ट्री और रूसी संघ की संघीय सीमा शुल्क सेवाओं के बीच सीमा शुल्क सहयोग से संबंधित प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। यह प्रोटोकॉल दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी ढांचे के रूप में कार्य करता है। यह प्रोटोकॉल पाकिस्तान और रूस के बीच माल की आसान आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है। साथ ही पाकिस्तानी उत्पादों को सीमा शुल्क में छूट भी देता है। इससे पहले पाकिस्तान ने पिछले दिनों रूस से सस्ता तेल खरीदने को लेकर समझौता किया था। हालांकि, रूस अपने पाकिस्तान के साथ संबंधों को अलग बताता है।