पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, सैनिक स्कूल बंद, कश्मीर से पलायन भी
–सुरेश एस डुग्गर–
जम्मू। दस दिनों के बाद कश्मीर में होने जा रही जी-२० की बैठक की उल्टी गिनती शुरू होते ही सुरक्षा के इंतजाम जी का जंजाल बनने लगे हैं। २२ से २४ मई तक चलने वाली जी-२० की बैठकों पर कितना आतंकी खतरा मंडरा रहा है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुंछ समेत कई उन जिलों में पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है जो एलओसी से सटे हैं तो खतरे की सूचनाओं के आधार पर दर्जनों सैनिक स्कूलों को माह के अंत तक बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई चालू हो चुकी है। यही नहीं जम्मू के सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा नाकों पर अर्द्ध सैनिक बल और शहरों में केंद्रीय सुरक्षाबल तैनात किए जा चुके हैं। पर ऐसी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर यकीन न करने वाले कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी तथा गैर मुस्लिम कश्मीर से पलायन को ही बेहतर रास्ता मान रहे हैं।
हालांकि कश्मीर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जी-२० की तीन दिनों की बैठक के दौरान पूरे कश्मीर में कहीं भी लोगों के आने जाने पर प्रतिबंध लागू नहीं किए जाएंगें, पर नागरिक प्रशासन की इस घोषणा पर कतई विश्वास इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि इस बैठक से पहले पूरे प्रदेश में जिस तरह का दहशत का माहौल बना हुआ है उसको देख नागरिकों को लग रहा है कि उन्हें तीन दिनों तक कश्मीर में अघोषित कर्फ्यू के दौर से गुजरना होगा।
मंडराते खतरे का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पुंछ के जिला मेजिस्ट्रेट द्वारा ११ मई २०२३ को जारी आर्डर संख्या ५१७-डीएमपी आफ २०२३ के तहत लोगों को पटाखों के इस्तेमाल से परहेज करने को कहा गया है। जिला मेजिस्ट्रेट का कहना था कि पुंछ के एसएसपी द्वारा सूचित किए जाने और आशंका प्रकट करने के उपरांत पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध इसलिए लागू किया जा रहा है क्योंकि ऐसी शंका है कि इनकी आड़ में आतंकी गोलियां बरसा सकते हैं जिस कारण सुरक्षाबलों को खतरा हो सकता है। राजौरी जिले में भी ऐसे ही प्रतिबंध की तैयारी समाचार भिजवाते समय की जा रही थी।
यही नहीं जी-२० की बैठक पर मंडराते खतरे का स्तर कितना था इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जम्मू-पठानकोट हाईवे पर स्थित अधिकतर सैनिक स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई आरंभ की जा चुकी है। सूचनाएं कहती हैं कि अखनूर, राजौरी तथा पुंछ से भी ऐसी ही खबरें हैं जिनकी फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है।
जी-२० की उल्टी गिनती के शुरू होते ही सीमांत इलाकों में दिन-रात सुरक्षाबलों द्वारा पहरा लगाया जा रहा है। दरअसल खबरें कहती हैं कि उस पार से अति प्रशिक्षित कुछ आतंकी इस ओर घुसने में कामयाब हुए हैं जो विश्व समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचने के प्रयास में आत्मघाती हमलों को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि एक सैन्य अधिकारी का कहना था कि पाक सेना पाकिस्तान के हालात से दुनिया का ध्यान हटाने की खातिर इन आतंकियों द्वारा प्रदेश में कुछ बड़ा भी करवा सकती है। यही कारण था कि कश्मीर से पिछले कुछ दिनों से कश्मीरी पंडितों और गैर मुस्लिमों का जम्मू की ओर पलायन हो रहा है पर प्रशासन इसे नहीं मानता है।