• इलाज कराने पहुंच रहे २० से ४० साल के हैं ६० फीसदी मरीज
• चिकित्सकों के निरीक्षण में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
दुनिया का सबसे युवा देश कहा जाने वाला हिंदुस्थान में युवा कंप्यूटर और मोबाइल गेमिंग समेत अन्य गैजेट का अत्यधिक इस्तेमाल करते देखे जा रहे हैं। घंटों गैजेट के साथ एक ही जगह बैठे रहने से यह गजब का प्रहार कर रहा है। इससे न केवल आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि कमर, जोड़ों के दर्द, कंधे और सर्वाइकल स्पाइन की समस्या बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि मुंबई के विभिन्न अस्पताल के ओपीडी में आनेवाले २० से ४० साल के ६० फीसदी मरीज रीढ़ की हड्डी के दर्द से परेशान हैं। यह सभी मरीज ऑफिस के कर्मचारी हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी चिकित्सकों द्वारा किए गए निरीक्षण में सामने आई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हिंदुस्थान में हर साल लगभग एक करोड़ लोग सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से पीड़ित होते हैं। सालाना २५-५० मामले गर्दन के दर्द से पीड़ित वयस्क लोग आ रहे हैं। ५० वर्ष से अधिक आयु के ७५ फीसदी लोगों को स्पाइनल वैâनाल की समस्या है। इसी क्रम में आजकल युवाओं में सर्वाइकल स्पाइन और जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है। लैपटॉप, स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग, गतिहीन जीवन शैली मुख्य कारण हैं। गाने सुनते हुए या गेम खेलते हुए खाने की आदत से कम उम्र के बच्चों में खतरा बढ़ रहा है। २४ घंटे हाथ में मोबाइल फोन रहने से गलत स्थिति में बैठने और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से उंगलियों, हाथों, पीठ और गर्दन में बहुत दर्द हो सकता है और गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे मरीज
जायनोवा शाल्बी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक एंड नी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. धनंजय परब ने कहा कि किसी भी चीज की जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदेह साबित होता है। अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन २ से ३ मरीज मोबाइल फोन के अधिक प्रयोग के कारण जोड़ों और उंगलियों में दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इन मरीजों की उम्र २० से ४० साल के बीच है। अब तो २० साल से कम उम्र के बच्चे भी इलाज के लिए आने लगे हैं। इसके अलावा ऑफिस के काम की वजह से भी कई लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हो रहे हैं। समय पर पता चलना बहुत जरूरी है, क्योंकि जोड़ों का दर्द ज्यादा होने पर सर्जरी की आवश्यकता होती हैं।
टूट सकती है रीढ़ की हड्डी
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में कंधे और घुटने के सर्जन डॉ. उत्कर्ष पवार ने कहा कि मोबाइल या कंप्यूटर के ज्यादा इस्तेमाल से कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है। यह स्थिति अकसर जोड़ों में अकड़न और दर्द का कारण बनती है। यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस से रीढ़ की हड्डी टूट सकती है। पीठ, कंधे और रीढ़ की हड्डी के दर्द को रोकने के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज फायदेमंद हो सकती हैं। दर्द कम करने के लिए ठंडे पानी से शेक दें। सूजन को कम करने और दर्द से राहत के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन दिए जा सकते हैं। लेकिन अगर दर्द असहनीय हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
कलाई में आती है सुन्नता
कंप्यूटर, फोन के ज्यादा इस्तेमाल से कलाई में सुन्नता और दर्द हो सकता है। मोबाइल का इस्तेमाल करते समय गर्दन नीचे की ओर रहती है, जिससे गर्दन और रीढ़ की हड्डी की समस्या हो सकती है। अकसर चोटों से कंधे में दर्द और सूजन होने की संभावना अधिक होती है। कंधे के दर्द के कारण का पता लगाने के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई या इलेक्ट्रोमोग्राफी (ईएमजी) जैसे मेडिकल परीक्षण किए जाते हैं। कंधे के दर्द को बढ़ने से गंभीर स्थिति को रोकने के लिए समय पर पता चलना और उपचार आवश्यक है।
-डॉ. यजुवेंद्र गवई आर्थ्रोस्कोपी सर्जन