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गांधी परिवार ने रायबरेली की रहबरी राहुल को सौंपी…अमेठी से कांग्रेस का सिपाही करेगा भाजपा का सफाया

-प्रियंका की भावुक अपील ने बनाई कांग्रेस की लहर!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी, बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के साथ रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। उसके बाद अपने चुनाव कार्यालय पहुंचे और पूजा-पाठ किया। यहां पर नामांकन से पहले पूजा करने की परंपरा सोनिया गांधी ने 2004 में शुरू की थी। राहुल गांधी ने भी इस परंपरा को निभा कर स्थानीय लोगों के दिल में जगह बना लिया। सोनिया गांधी ने सबसे पहले 1999 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन 2004 में राहुल गांधी के लिए सीट छोड़ दी, तब से वह रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद थीं। इस बार राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद उनकी सीट पर राहुल गांधी ने नामांकन दाखिल किया है।
राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव हार गए थे। इस बार फिर उनके अमेठी से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन राहुल गांधी ने सीट बदल दी। इसके पहले जब राहुल गांधी कार्यालय आए तो, लेकिन भीड़ के कारण वह अपनी गाड़ी से नहीं उतर पाए और नामांकन के लिए रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि भीड़ को संभालने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध भी नहीं किए गए थे। इसे प्रशासन का नामांकन में असहयोग कहा जाए या फिर किसी का दबाव। बताया जा रहा है कि वह रास्ता भी नहीं बंद किया गया था, जहां से काफिले को निकलना था।
दूसरी ओर अमेठी लोकसभा सीट से गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा का नामांकन कराया। उनके नामांकन में प्रियंका गांधी स्वयं गईं थीं। उनके भावनात्मक भाषण से अमेठी की जनता सीधा जुड़ गई। मोदी जी शहादत की भावना नहीं समझ सकते। वह हमारे पिता को विरासत की राजनीति करने वाला बताते हैं। मोदी जी को यह नहीं पता है कि हमारे पिता को शहादत विरासत में मिली है। शहादत की कीमत मोदी जी नहीं जानते। उन्होंने कहा कि 6 मई से 20 मई तक अमेठी-रायबरेली में रहूंगी। प्रियंका की ललकार के बाद जनता ने हुंकार भर कर प्रियंका को समर्थन किया। स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले पांच वर्ष में क्षेत्र की जनता स्मृति ईरानी से ऊब गई है। यहां पर कांग्रेस ने अपने सामान्य सिपाही को उतार कर भाजपा को सबक सिखाने की ठान लिया है। केएल शर्मा पिछले 40 वर्षों से अमेठी-रायबरेली के घर-घर में कांग्रेस के लिए जाना-पहचाना चेहरा है।

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