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गांधी की माला को नहीं मिला खरीददार …जुकरबर्ग की चेन बिकी रु. ३५ लाख में

आजादी के लिए महात्‍मा गांधी ने आंदोलन किए उनका अहिंसात्‍मक विरोध दुनियाभर में आज भी याद किया जाता है। गांधी जी द्वारा १९३० में नमक के लिए किया गया दांडी मार्च भी प्रमुख आंदोलन था। दांडी मार्च के दौरान महात्‍मा गांधी को एक माला पहनाई गई थी, जो कि संग्रह में रखी थी। हाल ही में उसको लंदन में नीलामी के लिए रखा गया, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिलने से यह बिक नहीं पाई। इसे विडंबना ही कहेंगे कि गांधी जी की माल को एक भी खरीदार नहीं मिला और वहीं दूसरी ओर मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की एक सोने की चेन नीलामी में `३४.३६ लाख में बिकी है। जी हां, आपने सही प़ढ़ा। जुकरबर्ग की एक सोने की चेन नीलामी में लाखों बिकी। फंडरेजर प्लैटफॉर्म टिल्टीफाय द्वारा आयोजित की गई नीलामी में `३६,००० कीमत की ६.५स्स् चेन को १०० गुना अधिक कीमत पर बेचा गया। नीलामी से जुटाई राशि इन्फ्लेक्शन ग्रांट्स को दी जाएगी, जो क्रिएटिव व लाइफ-चेंजिंग आइडियाज वाले लोगों की आर्थिक मदद करती है।
बता दें कि गांधी के निजी चिकित्सक के संग्रह से प्राप्त इस माला की अनुमानित कीमत २१ लाख से ३० लाख रुपए थी, लेकिन इस माला को कोई खरीदार नहीं मिला। जबकि इसी नीलामी में कई भारतीय कलाकृतियां भी थीं, जो अच्‍छे दामों पर बिकीं। यह नीलामी ल्योन और टर्नबुल नीलामी घर द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें महात्‍मा गांधी की इस माला समेत कई इस्लामिक और भारतीय कलाकृतियों की ऑनलाइन बिक्री के लिए रखी गर्इं थीं। गौरतलब है कि दांडी मार्च भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ गांधी जी द्वारा चलाए गए सबसे सफल अभियानों में से एक था। इस मार्च के दौरान ही गांधी जी ने यह माला पहनी थी।

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आया वसंत