गणेश चतुर्थी के पांचवें दिन कई पूजा पंडालों ने भगवान गणेश के विग्रह को किया विसर्जित
उमेश गुप्ता/वाराणसी
इन दिनों भगवान शिव की नगरी काशी में गणेश उत्सव की धूम है। गणेश चतुर्थी के पांचवें दिन बुधवार कई पूजा पंडाल ने अपने पूजा की पूर्णाहुति दी और पूजा पंडाल में स्थापित भगवान गणेश के विग्रह को विधि विधान के साथ कुंड और तालाब में विसर्जित किया।
ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में श्रीकाशी मराठा गणेश उत्सव समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय श्री गणेश महोत्सव का शोभायात्रा व विसर्जन भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।
सुबह विद्वान धन्नजय खुण्टे जी महाराज ने विधिवत पूजा अर्चना कराये। श्रीकाशी मराठा गणेश उत्सव समिति के संरक्षक संतोष पाटील व अध्यक्ष आनंद राव सूर्यवंशी अपनी टीम के साथ मुंबई के सुप्रसिद्ध लालबाग का राजा श्रीगणेश जी का विधि-विधान से पूजा व महाआरती किया।
विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित गाड़ी पर श्रीगणेश भक्तों ने विराजमान कराया तथा पूजन किया। गणपति बप्पा मोरया, गणपति जी का जय जयकार, जय हो, उद्घोष कर शोभायात्रा में शामिल हुए।
शोभायात्रा में महिलाएं व पुरुष महाराष्ट्र परम्परागत परिधान में शामिल रहे। आज मानो तो काशी मिनी महाराष्ट्र बन गया था।
महाराष्ट्र के तासगांव से आए अस्सी कलाकारों की टीम शोभायात्रा में शामिल हो कर शोभायात्रा यात्रा की आकर्षक को आपने विभिन्न मुद्राओं के कला बिखेर कर सभी को अपने तरफ आकर्षित कर लिए।
शोभायात्रा दोपहर में शेर वाली कोठी से प्रारम्भ होकर कर चौंक, बाबा काशी-विश्वनाथ धाम, बांस फाटक, गोदौलिया, गिरजाघर, लक्सा रोड,होते हुए लक्ष्मी कुण्ड पहुंचा। श्रीकाशी मराठा गणेश उत्सव समिति के वरिष्ठ संरक्षक मानिक राव पाटिल संरक्षक संतोष पाटिल अध्यक्ष आनंद राव सूर्यवंशी महामंत्री अन्ना मोरे कोषाध्यक्ष हनुमान शिंदे अपने टीम के साथ महाआरती किया। साथ ही श्री गणेश जी को अगले साल जल्द आने का निमंत्रण दिया।
अगस्त्यकुंड स्थित शारदा भवन के ९६वें श्री गणेशोत्सव के समापन दिवस पर बुधवार को प्रातः राग भैरवी का आयोजन हुआ। डॉ.शुभंकर डे ने भगवान गणेश जी पर आधारित अनेक रचनाओं को प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर पं.किशोर मिश्र एवं हारमोनियम पर हर्षित उपाध्याय ने संगत की। दिन में चार बजे भगवान गणेश जी की शोभायात्रा शारदा भवन से प्रस्थान कर बालमुकुंद चौराहा, जंगमबाड़ी, गोदौलिया, बांसफाटक,साक्षी विनायक, डेढ़सी पुल के मार्ग से होते हुए अगस्त्य कुंड स्थित शारदा भवन में विधिवत उत्तर पूजनोपरांत एक पात्र (कण्डाल) में संकलित गंगा जल में विसर्जित की गयी। शोभायात्रा के मार्ग में स्थान-स्थान पर जनता जनार्दन भगवान की पालकी रोक कर पूजन करते रहे। श्रद्धालु जनता मार्ग में पुष्प वर्षा भी की। गणपति बप्पा मोरया -मंगल मूर्ति मोरया…. गणपति चाल्ले गावा ला – चैन पड़े ना आम्हा ला…… इत्यादि पारंपरिक उद्घोष होता रहा। अनंतर शारदा भवन में कृतज्ञता ज्ञापन यादव राव पाठक व डॉ. विनोद राव पाठक ने किया। प्रसाद वितरण के पश्चात उत्सव को एक वर्ष का विराम दिया गया । शोभायात्रा में स्मिता वी.पाठक,कपिल पाठक,स्वपनिल पाठक, डॉ.आमोद दत्त शास्त्री,डॉ.पवन शुक्ला सहित सैकड़ों की संख्या में बटुक विद्यार्थी व स्थानीय नागरिक शामिल थे।