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बीच सड़क पर खड़े गैस सिलिंडर के वाहन दे रहे दुर्घटना को दावत!

-लोगों ने जताई खतरे की आशंका

-न पुलिस सुध ले रही, न प्रशासन

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

एक तरफ पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर लिखकर जनता से आह्वान किया जाता है कि जागरूक नागरिक बनें। पुलिस मित्र बनें, लेकिन यहां पर जागरूक नागरिक बनने पर पुलिस किसी तरह की कार्रवाई नहीं करती।

कहते हैं उल्हासनगर में सब कुछ चलता है। कानून को ताक पर रखकर काम करने वाले उल्हासनगर स्थित भारत कुकिंग गैस वितरक गैस सिलिंडर के वाहनों को गोदाम से वितरण करते हुए बीच सड़क पर खड़ा करते हैं। ऐसे में तेज गर्मी के कारण तापमान बढ़ने से सिलिंडर ब्लास्ट जैसी कोई अनहोनी हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
नियम के मुताबिक, गैस सिलिंडर को आम बस्ती से दूर चहारदीवारी के अंदर बने गोडाउन में रखना चाहिए। गोडाउन में आम लोगों का आना-जाना वर्जित रहता है। इसके बावजूद म्हारल गांव, श्मशान भूमि के समीप से जाने वाले मार्ग पर भारत सिलिंडर वितरक अपने बड़े-बड़े वाहन को खड़े कर देते हैं। ऐसे में सिलिंडर ब्लास्ट जैसी अनहोनी होने पर बस्ती के साथ ही आने जाने वाले वाहन जलकर खाक हो सकते हैं। भारत गैस के वितरक की ऐसी लापरवाही की शिकायत स्थानीय लोगों ने उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में की है। लेकिन शिकायत के बावजूद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करने के बजाय मौन साध रखा है। एक तरफ पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर लिखकर जनता से आह्वान किया जाता है कि जागरूक नागरिक बनें। पुलिस मित्र बनें, लेकिन यहां पर जागरूक नागरिक बनने पर पुलिस किसी तरह की कार्रवाई नहीं करती। म्हारल गांव के सक्रिय, सजग नागरिक समीर जाधव ने बताया कि पुलिस को सूचना देने पर पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए। पुलिस कहती है कि पुलिस स्टेशन में आकर शिकायत करें। उल्हासनगर पुलिस को चाहिए कि वे एजेंसी को गैस सिलिंडर के ट्रक को किसी सुरक्षित जगह खड़ा करने की हिदायत दें। पुलिस को हिदायत देने की जरूरत है क्यों कि कुकिंग गैस एक ज्वलनशील गैस है। उसे गोडाउन से वितरण करे। खुले में रखने पर और कभी भी हादसा होने पर बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हो सकती है।

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