न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन करनेवाली टीम इंडिया की परफॉर्मेंस को लेकर सुनील गावस्कर ने कहा कि टेम्परामेंट में समस्या थी, जिसके कारण टीम को सीरीज में हार मिली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने से पहले गावस्कर ने कहा कि खिलाड़ियों की मानसिकता यह है कि अगर वे कुछ डॉट गेंदें खेलते हैं तो वे एरियल शॉट खेलने लगते हैं, जिसकी रेड बॉल वाले क्रिकेट में जरूरत नहीं होती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जोखिम उठाने की मानसिकता के कारण भारत जल्दी-जल्दी विकेट खो रहा है। सुनील गावस्कर ने कहा कि निश्चित रूप से टेम्परामेंट की समस्या अधिक है क्योंकि अब टेम्परामेंट ऐसा है और यह फिर से व्हाइट-बॉल की विरासत है। क्या दो या तीन डॉट बॉल हैं? हमें गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करनी होगी। इसलिए बड़े शॉट के लिए जाएं, अगर यह शानदार हो तो एरियल शॉट के लिए जाएं। लेकिन जहां गेंद कुछ कर रही है, वहां ये संभावनाएं बहुत कम हैं। इसलिए जब टेक्निक मौजूद है, तो इसका टेम्परामेंट यह सोच रहा है कि मैं ऐसा कर सकता हूं क्योंकि बाउंड्री छोटी हैं। बल्ले बहुत अच्छे हैं, खिलाड़ी भी मजबूत हैं, इसलिए हम इसे स्टैंड में पहुंचा सकते हैं।