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तुरंत पाएं पेड़ों की जानकारी …मुंबई-मेट्रो-३ रूट पर २००० से अधिक पेड़ों पर लगा जियो टैग

सामना संवाददाता / मुंबई
कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-३ रूट पर मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा लगाए गए पेड़ों की पूरी जानकारी अब नागरिकों को एक झटके में ही मिल जाएगी। एमएमआरसी ने मेट्रो -३ रूट पर लगाए गए या फिर से लगाए गए पेड़ों के लिए जियो-टैगिंग शुरू कर दी है। जियो-टैगिंग से पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके पेड़ के नाम से लेकर पेड़ों की ऊंचाई तक की सारी जानकारी नागरिकों को मिल जाएगी। जियो टैगिंग का काम तेजी से चल रहा है और अब तक २००० से ज्यादा पेड़ों की जियो टैगिंग पूरी हो चुकी है।
मेट्रो -३ रूट और आरे कारशेड के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं। इन पेड़ों की कटाई को लेकर बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया है। नियम के मुताबिक, पेड़ काटने की व्यवस्था में काटे गए पेड़ों की जगह कई पेड़ लगाकर उन्हें जीवित रखना होता है। उस समय एमएमआरसी द्वारा लगाए गए पेड़ों को लेकर विवाद हुआ था। इसके लिए एक ठेकेदार नियुक्त किया गया है और मेट्रो -३ रूट के दौरान मेट्रो स्टेशन के बाहर लगाए गए सभी पेड़ों की जियो-टैगिंग का काम शुरू हो गया है। अब तक एमएमआरसी द्वारा २००० से अधिक पेड़ों की जियो-टैगिंग पूरी की जा चुकी है। इस पर क्यूआर कोड लगाया गया है और बाकी पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का काम चल रहा है। पेड़ पर लगे क्यूआर कोड को स्वैâन करके नागरिकों को पेड़ों की ऊंचाई, आकार, प्रजाति, नाम और अन्य संबंधित जानकारी मिल जाएगी। एमएमआरसी ने स्पष्ट किया है कि एमएमआरसी द्वारा कितने और कौन से पेड़ लगाए गए हैं, इसकी जानकारी उपलब्ध होगी और पेड़ फिर से लगाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता उपलब्ध कराई जाएगी। इस बीच, एमएमआरसी ने नागरिकों से पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड को न छूने और क्यूआर कोड को न फाड़ने की अपील की है।

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