स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू ने पसारे पैर
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में मानसूनी रोगों ने कोहराम मचा दिया है। कई जिलों में जारी मूसलाधार बारिश मौसमी बीमारियों को भी बढ़ावा दे रही है। आलम यह है कि राज्य में जहां स्वाइन फ्लू कोहराम मचा रहा है, वहीं मलेरिया भी मारक बन गया है। इतना ही नहीं, डेंगू भी डंक मार रहा है। इस तरह मौसमी बीमारियां भी तेजी से पैर पैâला रही हैं। इसके बावजूद शिंदे-भाजपा सरकार इन बीमारियों की रोकथाम के लिए गंभीरता से कोशिश नहीं कर रही है। ‘घाती’ सरकार चुनावी लॉलीपॉप बांटने में व्यस्त है। सरकार की इस अनदेखियों का खामियाजा गरीब जनता भुगत रही है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इस साल सात सितंबर तक स्वाइन फ्लू के कुल १,६१७ मामले मिले, जिसमें से ३९ मरीजों की मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा नागपुर और नासिक में क्रमश: १६-१६ मरीजों की मौत हुई है। इसी तरह मलेरिया के कुल १३,४१० केस सामने आए हैं, जिसमें से सात मरीजों की मौत हुई है। इसी तरह डेंगू के १०,५८६ मामले सामने आए हैं। इसमें से १७ मरीजों की मौतें हुई हैं। जानकारी के मुताबिक, डेंगू के सबसे ज्यादा २,२७८ मरीज मिले हैं। चिकनगुनिया के भी इस साल सात सितंबर तक कुल २,६४३ मरीज मिले हैं। जीका के कुल १२८ मामले शहरी क्षेत्रों में पाए गए हैं। इसी तरह कालरा के ४३७ मरीज मिले, जबकि तीन की मौत हुई। गैस्ट्रों के मिले १,१९५ मरीजों में से पांच की मौत, जॉइंडिस के ४२६ मामलों में से एक की मौत, लेप्टो के ६९५ मरीजों में से एक की मौत, स्क्रब टाइफस के आठ में से एक मरीज की मौत, जल जनित बीमारियों २,४४१ में से १० मरीजों की मौत हुई है।