अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
विरार-अलीबाग मल्टी मॉडल कॉरिडोर परियोजना के लिए महाराष्ट्र स्टेट रोड डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएसआरडीसी) को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। परियोजना के लिए आवश्यक फंडिंग की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण अब एमएसआरडीसी को २२,२५० करोड़ रुपए सार्वजनिक बॉन्ड के माध्यम से जुटाने की मजबूरी हो गई है। इस परियोजना के लिए एमएसआरडीसी ने पहले हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से फंड की मांग की थी। हालांकि, हुडको ने फंड देने के लिए राज्य सरकार से गारंटी मांगी थी, जिसे राज्य सरकार ने देने से इनकार कर दिया। इस इनकार के परिणामस्वरूप हुडको ने फंडिंग रोक दी, जिससे परियोजना की वित्तीय स्थिति अनिश्चित हो गई। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा गारंटी देने से इनकार करने के बाद एमएसआरडीसी को सार्वजनिक बॉन्ड जारी करने की अनुमति मिली है। बॉन्ड से पैसे जुटाने की इस प्रक्रिया को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इसमें समय लग सकता है और इससे परियोजना की समय-सीमा पर भी असर पड़ सकता है। इस वित्तीय संकट के बीच विरार-अलीबाग कॉरिडोर परियोजना की प्रगति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
यह परियोजना न केवल यातायात की भीड़ को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि क्षेत्रीय विकास के लिए भी अनिवार्य है। इसके बावजूद, फंडिंग की कमी और वित्तीय व्यवस्थाओं की जटिलता परियोजना की समय-सीमा और गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस स्थिति ने परियोजना के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है और यह देखना होगा कि एमएसआरडीसी और राज्य सरकार इस वित्तीय संकट से वैâसे निपटते हैं और परियोजना को समय पर पूरा करने की दिशा में क्या कदम उठाते हैं।