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‘घाती’ सरकार लूट रही है मनपा का खजाना!… अभी तक ` १० हजार करोड़ हो चुके हैं स्वाहा

अब MMRDA का बकाया ढाई हजार करोड़ देने का दबाव

जब से राज्य में ‘घाती’ सरकार आई है और मनपा पर सरकार का प्रशासक नियुक्त हुआ है, तब से मनपा को ग्रहण लग गया है।

रामदिनेश यादव / मुंबई

मुंबई मनपा में २५ वर्षों तक सत्ता में रहते हुए शिवसेना ने इसे देश की सबसे धनी महानगरपालिका बना दिया था। इस दौरान कुल ९२ हजार करोड़ रुपए तक मनपा की एफडी जमा हो गई थी। देश की जहां लगभग सभी मनापा कर्ज में चल रही हैं, वहीं मुंबई मनपा लगभग १ लाख करोड़ की राशि डिपॉजिट कर तमाम विकास परियोजनाओं को पूरा कर रही थी। लेकिन जब से राज्य में ‘घाती’ सरकार आई है और मनपा पर सरकार का प्रशासक नियुक्त हुआ है, तब से मनपा को ग्रहण लग गया है। अब ‘घाती’ सरकार मनपा का खजाना लूटने लगी है।
बता दें कि मनपा का खजाना धीरे-धीरे खाली हो रहा है। अभी तक १० हजार करोड़ रुपए स्वाहा हो चुके हैं। ९२ हजार करोड़ रुपए की एफडी अब ८२ हजार करोड़ रह गई है। अब जल्द ही इस में से ढाई हजार करोड़ रुपए और कम होने वाले हैं। ‘घाती’ सरकार के दबाव में मनपा पर एक तरफ जहां अतिरिक्त खर्च का बोझ डाला जा रहा है, वहीं तमाम विकास परियोजनाओं में मनपा के हिस्से का पैसा तुरंत देने का निर्देश दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से मनपा पर दबाव है कि धन की कमी की वजह से मेट्रो कार्य का विकास संभव नहीं हो पाएगा, इस तर्क के साथ शहरी विकास विभाग ने एमएमआरडीए का बकाया लगभग ढाई हजार करोड़ तुरंत देने का मनपा को निर्देश दिया है।

मनपा का फिक्स डिपॉजिट तोड़ रही है ‘घाती’ सरकार
राज्य की ‘घाती’ सरकार का खजाना खाली है और उसकी नजरें मनपा के फिक्स डिपॉजिट पर है। सीएम शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम फडणवीस और अजीत पवार की तिकड़ी सरकार का राजस्व बढ़ाने की बजाय मनपा की तिजोरी खाली करने में लगी हुई है। अभी तक १० हजार करोड़ रुपयों पर हाथ साफ किया जा चुका है और आगे भी इस पर निगाहें लगी हुई हैं।
विकास योजनाओं का हवाला देकर इससे पहले भी मनपा को कई बार शिंदे सरकार की ओर से दबाव देकर पैसे देने को कहा गया। हाल ही में मनपा ने कुल दो हजार करोड़ रुपए एमएमआरडीए को दिया था। यह पैसे भी मनपा ने एफडी तोड़कर दिए थे। चूंकि फिर सरकार के पास पैसे नहीं हैं, इसलिए एक बार फिर से एफडी तोड़कर पैसे एमएमआरडीए को दिए जाएंगे, ऐसा अधिकारियों का कहना है। बता दें मुंबईकरों के लिए मनपा पहले ही कोस्टल रोड जैसी बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में लगी है। इस बीच राज्य सरकार ने ७० हजार करोड़ रुपए खर्च वाली मेट्रो परियोजना लाकर मनपा पर खर्च का बोझ बढ़ा दिया। मेट्रो के लिए मनपा को लगभग २० हजार करोड़ रुपए एमएमआरडीए को अलग-अलग पार्ट में देना है।
इसके अलावा शिंदे सरकार द्वारा केंद्र सरकार के कार्यक्रम के लिए भी मनपा से खर्च कराया जा रहा है। करोड़ों के खर्चे तो आम हो गए हैं। ऐसे में मनपा के दिन खराब होते जा रहे हैं। मनपा के पूर्व नगरसेवक व नेता विपक्ष रवि राजा ने तो यहां तक कह दिया कि अब वह दिन दूर नहीं जब मनपा को कर्ज लेकर काम चलाना होगा।

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