सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ वर्षों में ठाणे और दिवा के बीच के क्षेत्र की जनसंख्या में भारी वृद्धि हुई है। इसके कारण यहां से लोकल ट्रेन में यात्रा करना यात्रियों के लिए कठिन हो गया है। इसी कारण दिवा-सीएसएमटी लोकल ट्रेन, फास्ट लोकल ट्रेनों का दिवा स्टेशन पर ठहराव और दिवा में रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए अमोल केंद्रे ने अनशन शुरू कर दिया है। पिछले तीन दिनों से उनका अनशन जारी है और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
प्रतिदिन की लेटलतीफ लोकल सेवा से यात्री वर्ग परेशान हो चुका है और आंदोलन की तैयारी में है। २२ अगस्त को विभिन्न रेलवे यात्री संगठनों ने एकजुट होकर, सफेद वस्त्र धारण कर, काली पट्टियां बांधने का निर्णय लिया है। इस विरोध के मद्देनजर कुछ दिनों पहले दिवा स्टेशन पर यात्रियों ने काली पट्टियां बांधकर रेलवे प्रशासन का विरोध किया था। १६ अगस्त से दिवा के उपोषणकर्ता अमोल केंद्रे ने दिवा स्टेशन के बाहर अनशन शुरू किया है।
पिछले तीन वर्षों से दिवा-सीएसएमटी लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए मैं प्रयासरत हूं। रेलवे प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन ही दिया गया है। १६ अगस्त को अनशन शुरू करने के बाद रेलवे पुलिस और दिवा स्टेशन प्रबंधन ने मुझसे मुलाकात की। उसके बाद कोई भी मुझसे मिलने नहीं आया। मैंने सांसद श्रीकांत शिंदे के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया, लेकिन उन्होंने भी इसे नजरअंदाज कर दिया है।