- मुंबई से सूरत के लिए होगा बायपास
रामदिनेश यादव / मुंबई
पिछले कुछ वर्षों में मुंबई और इसके आस-पास के शहरों का तेजी से विकास हुआ है। मीरा-भायंदर, ठाणे, वसई-विरार, कल्याण, भिवंडी आदि महानगरपालिकाओं में आबादीr तेजी से बढ़ी है। इन महानगरों में लोगों की आवाजाही भी बढ़ी है। लोकल ट्रेन के अलावा सड़क यातायात को लोग जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। निजी वाहनों का उपयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है। इन सबके चलते सूरत से मुंबई और ठाणे की ओर आवाजाही के लिए फाउंटेन तिराहे के पास ट्रैफिक की समस्या भी विकट हो गई, जिसे देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने यहां घोडबंदर के पास नया विशाल पुल बनाने का निर्णय लेकर काम शुरू किया है। पुल का काम इसी वर्ष के मध्य तक पूरा होने का दावा विभाग की ओर से किया जा रहा है। लेकिन इस पुल की लाइफ को लेकर लोगों में संशय है। सूत्रों के अनुसार घोडबंदर के इस नए पुल की लाइफ ८०-९० वर्ष तक बताई जा रही है। जबकि इसके बगल में बने पुराने पुल की लाइफ डेढ़ सौ वर्ष बताई जा रही है। इतना ही नहीं, इसे मुंबई सूरत बायपास के तौर पर बनाया जा रहा है, जिसे लेकर लोगों में नाराजगी है कि ठाणे की तरफ जाने वालों के लिए कोई योजना नहीं है।
८० से ९० वर्ष होगी नए पुल की लाइफ
अधिकारियों की मानें तो इस नए पुल की लाइफ ८० से ९० वर्ष ही है। इसके बाद यह जर्जर हो जाएगा। लेकिन आश्चर्य यह है कि घोडबंदर के पुराने पुल की लाइफ डेढ़ सौ वर्ष है। आखिर राष्ट्रीय महामार्ग के अधिकारियों ने इतने कम लाइफ वाले पुल का निर्माण क्यों किया है? इस आधुनिक युग में पुल को और मजबूत बनाया जाना चाहिए था। इसकी लाइफ को लेकर सांसद राजेंद्र गावित नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।
कैसा होगा पुल?
चूंकि मुंबई और सूरत के बीच यातायात के लिए ट्रैफिक काफी अधिक है। इसलिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यहां चार लेन का पुल बनाने का फैसला किया। वसई खाड़ी पर २४७ करोड़ रुपए के इस पुल का काम जनवरी २०१८ में शुरू किया गया। नेशनल हाइवे-८ पर बन रहा यह पुल सूरत की तरफ से शुरू होकर मुंबई की तरफ समाप्त होता है, जिसकी कुल लंबाई २.२५ किमी है। कुल लंबाई में से ९१७.८७५ मीटर का प्रस्तावित पुल है।
सबसे अधिक ट्रैफिक वाला महामार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि नए चार लेनवाले वर्सोवा पुल का काम जल्द पूरा होने वाला है। यह मुंबई-अमदाबाद जैसे दो प्रमुख शहरों को सीधे जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण महामार्ग है। इस महामार्ग से महाराष्ट्र से पालघर होकर गुजरात में प्रवेश किया जा सकता है। लाखों वाहन रोजाना इस महामार्ग से होकर गुजरते हैं।
वाहन चालकों की समस्या
वाहन चालक पुराने वर्सोवा पुल पर हर दिन ट्रैफिक जाम का सामना कर रहे हैं। पहले से ही तंग पुराने पुल पर वाहनों की घंटों लंबी कतारें लग जाती हैं। नए पुल के काम के कारण यहां और ट्रै्रफिक की समस्या हो गई है। इस परियोजना को २०२२ में ही पूरा होना था लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है। ट्रैफिक की समस्या झेल रहे वाहन चालक नए पुल के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बेसब्री से पुल खुलने का इंतजार
वाहन चालक राकेश विश्वकर्मा ने कहा मैं वसई और बोरिवली के बीच का एक नियमित यात्री हूं। पिछले लगभग ५ वर्षों से यहां लंबे ट्रै्रफिक जाम का सामना कर रहा हूं। फिलहाल यहां नए वर्सोवा पुल के काम को पूरा होने का इंतजार कर रहा हूं। नरेश कदम ने कहा कि फिलहाल यहां हम घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहते हैं। नालासोपारा से मुंबई जाना मतलब कई घंटे का समय ट्रैफिक में चला जाता है। यह बड़ी समस्या है। सपने तो दिखाए गए लेकिन उसे पूरा करने में प्रशासन काफी वक्त ले रहा है।
`ट्रै्रफिक से ठाणेकरों को मिलेगी निजात’
गुजरात से ठाणे आने के लिए भी इसी महामार्ग से लोग उतरते हैं। मीरा-भायंदर से यह सीधे कनेक्ट होता है। ठाणे से वसई-विरार, सूरत आदि क्षेत्र के लिए इसी महामार्ग से गुजरना पड़ता है। ऐसे में ठाणेकरों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण पुल साबित होगा। ये बातें ठाणे लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजन विचारे ने कहीं। कुछ दिनों पहले उन्होंने इस पुल के निर्माण कार्यस्थल का दौरा किया और सभी विषयों पर चर्चा की। बता दें कि सांसद राजन विचारे के प्रयासों से यह पुल बन रहा है।