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अदरक ने तोड़ा १५ वर्षों का रिकॉर्ड : बिगड़ा चाय का जायका! … सब्जियों के दाम बढ़ने से रसोई का बजट भी गड़बड़ाया

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
एक बार फिर लोगों पर महंगाई की भीषण मार पड़ी है। चाय के स्वाद को चटपटा और इसकी चुस्की को चार चांद लगानेवाले अदरक का भाव इन दिनों आसमान छू रहा है। अदरक का भाव प्रति किलो २०० रुपए के पार हो चुका है, इससे १५ साल का रिकॉर्ड टूट गया है, जिसकी वजह से चाय के शौकीनों का चाय का जायका खराब हो गया है और इस एंटीबायोटिक खुराक को मिलाना भारी हो गया है। मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु इस एंटीबायोटिक का इस्तेमाल लोग हर मौसम में करते हैं लेकिन इस साल अदरक की कम पैदावार और मंडियों में इसकी आवक कम होने के कारण दिनों-दिन इसका भाव आसमान छू रहा है। कई दिनों से अदरक का भाव २०० रुपए के पार पहुंचने के कारण आम आदमी का चाय में अदरक डालना मुश्किल हो गया है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले इसी सीजन में अदरक की कीमत २० से २५ रुपए प्रति किलो थी।
सब्जियों के एक व्यापारी ने बताया कि २००८ और २००९ में अदरक के दाम सबसे ज्यादा बढ़े थे। उस दौरान एक किलो अदरक के थोक दाम १०० से १२० रुपए प्रति किलो थे, लेकिन पिछले साल अदरक की खपत अधिक नहीं होने से इस बार किसानों ने अदरक की फसल ज्यादा नहीं लगाई। नतीजतन, अदरक की सप्लाई कम होने से इसके दाम आसमान छूने लगे हैं। मंडी में अदरक का भाव २०० रुपए के पार हो चुका है।
टमाटर हुआ लाल तो मिर्च हुई और तीखी
बाजारों में सब्जियों के भाव बढ़ने से रसोई का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। ऐसे में लोगों का एक बार फिर घर चलाना और मुश्किल हो रहा है। बाजार में सभी सब्जियों की कीमत में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। रिटेल मार्वेâट में सब्जी जो २० से ५० रुपए प्रति किलो हुआ करती थी, अब वह ५० से १०० रुपए प्रति किलो हो गई है। लौकी ४० से ५० रुपए प्रति किलो, टमाटर ३० रुपए प्रति किलो, तोरई ६० से ७० रुपए, परवल ६० रुपए, करेला ६० से ७० रुपए, बैंगन २० रुपए से ४० रुपए, हरी मिर्च ४० से ८० रुपये प्रति किलो, हरी धनिया ५० से १०० रुपए किलो, लहसुन ६० रुपए से १५० रुपए किलो और कद्दू ४० रुपए प्रति किलो बिक रहा है। २० रुपए की दो जोड़ी बिकने वाली मेथी ६० रुपए की दो जोड़ी मिल रही है। ग्वार ८० रुपए प्रति किलो तक बिक रही है। शिमला मिर्च ७० से ८० रुपये, भिंडी ४० से ६० रुपए प्रति किलो बिक रही है। सब्जियों के व्यापारी राजेश ने आशंका जताई है कि आनेवाले दिनों में सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं।

सब्जियों की उपज की लागत बढ़ी है, इसलिए किसान अधिक दाम ले रहे हैं। व्यापारी सब्जी बाहर से मंगा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट का खर्च जुड़ जाने के कारण बाजार में सब्जियों की कीमत बढ़ रही है।
– समर यादव, सब्जी व्यापारी-बोईसर

सब्जियों की कीमत अधिक होने के कारण कम आय वर्ग के लोग हरी सब्जियां नहीं खरीद पा रहे हैं। किसी तरह आलू-प्याज खरीदकर काम चलाया जा रहा है। खाद्य पदार्थों की पहले से ही कीमतें बढ़ी हुई हैं, जिससे आम आदमी पहले से ही परेशान है। बाजार में हरी सब्जियों की कीमत बढ़ने से घर चलाना मुश्किल हो गया है।
– मीरा सिंह, गृहिणी-बोईसर

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