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दो करोड़ दो, नहीं गिराएंगे तुम्हारा अवैध निर्माण …७५ लाख घूस लेते एसीबी ने दो को धरदबोचा

राजेश जायसवाल / मुंबई
देश की सबसे बड़ी और धनी महानगरपालिका भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण बन चुकी है। यहां बैठे अधिकारी बिना चाय-पानी के आपका काम नहीं करते। मनपा में चाय-पानी के नाम पर मांगे जाने वाला यह रिश्वत आम बात है। ताजा मामला अंधेरी स्थित के पूर्व वॉर्ड ऑफिस का है। यहां के एक मनपा अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मामला दर्ज किया है। मनपा अधिकारी के खिलाफ एक प्रॉपर्टी डेवलपर से उसकी चार मंजिला इमारत की दो अवैध मंजिलों को नहीं गिराने के बदले दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है।

एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रॉपर्टी डेवलपर ने घाटकोपर में अपनी चार मंजिला इमारत में दो अवैध मंजिल का निर्माण किया था। मनपा अधिकारी ने अवैध मंजिलों को नहीं गिराने के बदले में दो करोड़ रुपए मांगे थे और भविष्य में भूखंड पर उसके अवैध निर्माण को बचाने में मदद करने का वादा किया था, जहां डेवलपर दूसरी इमारत बनाने की योजना बना रहा था।
अधिकारी ने बताया कि डेवलपर ने एसीबी से संपर्क किया और ३१ जुलाई को अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एसीबी ने यह पुख्ता किया कि बीएमसी अधिकारी ने पहली किस्त के रूप में ७५ लाख रुपए मांगे हैं और उसे स्वीकार करने के लिए अपनी सहमति दी थी। उसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जाल बिछाया और दो निजी व्यक्तियों मोहम्मद शाहजादा यासीन शाह (३३) और प्रतीक विजय पिसे (३३) को उस समय गिरफ्तार किया, जब वे रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर ७५ लाख रुपए ले रहे थे। वहीं अधिकारी इस मामले में वांछित आरोपी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत बीएमसी अधिकारी और दो गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

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