सामना संवाददाता / मुंबई
सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने कमांडेंट जनरल, होम गार्ड्स को पत्र लिखकर रात में सभी लोकल ट्रेन सेवाओं, विशेषकर महिला डिब्बों की सुरक्षा के लिए कम से कम १,५०० और होमगार्ड की मांग की है। ये होमगार्ड्स महिलाओं के लिए गॉड बनेंगे। बता दें कि बीते कुछ महीनों में मुंबई सबर्बन क्षेत्रों में आपराधिक मामलों की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि अतिरिक्त होमगार्ड की मांग तब की गई, जब लोकल ट्रेनों में महिला सुरक्षा पर एक बैठक में जीआरपी को महिला डिब्बों में क्यूआर कोड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुलिसकर्मी या होम गार्ड मौजूद हों। कोच और सुरक्षा गार्डों की कमी को पूरा करने के लिए जीआरपी को निर्भया फंड उपलब्ध कराया जाएगा। होमगार्ड के महानिदेशक ने कहा कि वे जीआरपी को मांगी गई संख्या में होमगार्ड उपलब्ध करा देंगे। ‘जीआरपी की सहायता के लिए लगभग २,००० होमगार्ड दिए गए हैं, लेकिन बारिश और चल रही पुलिस भर्ती परीक्षाओं के कारण वर्तमान में केवल १,००० होमगार्डों को जीआरपी के साथ ड्यूटी सौंपी गई है।
२०२१ की तुलना में बढ़े छेड़छाड़ के मामले
जीआरपी के आंकड़ों के मुताबिक, २०२१ की तुलना में २०२२ में छेड़छाड़ के मामले बढ़े हैं, जिससे यह जीआरपी के लिए चिंता का विषय बन गया है। २०२१ में शहर और एमएमआर में ५० छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए, जो २०२२ में बढ़कर ९२ हो गए। हाल ही में कुछ हफ्ते पहले सुबह ७ बजे सीएसएमटी जाने वाली ट्रेन में एक महिला के साथ बलात्कार का मामला और मुंबई सेंट्रल के बीच एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था।