डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
जब स्टेज पर पुकारा गया यह नाम!
तालियों से गूंज उठा सारा आडिटोरियम, प्रकाश से जगमगा उठे डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम!
ऑल ओ.के.?…सहयोगी से पूछकर उठे डॉ. कलाम,
सुरक्षित धरती पर लेक्चर देना था आज का काम!
थोड़ा सा चले और अचानक वहीं स्टेज पर गिर पड़े,
स्टेज पर साथ बैठे साथी तुरंत उठाने भाग पड़े,
पर यह क्या…मिसाइल मैन तो अंतिम यात्रा पर चल पड़े,
और सभी साथी वहीं फूट-फूट कर रो पड़े! आई.आई.एम.शिलोंग के लेक्चर हॉल में लोग चकित और अवाक से ही बैठे रह गए, कई सौ जोड़ी प्रतिष्ठित एवं उच्च शिक्षित आंखों के सामने प्राण पखेरू उड़ गए!
एक मिसाइल की तरह अगले ही पल आंखों से ओझल हो गए,
उनके चाहने वाले बस पीछे धुंध और गुबार में उनको ढूंढ़ते रह गए!
देखते ही देखते किसी और दुनिया के बाशिंदे हो गए,
देशी परमाणु मिसाइलों के जन्मदाता देश को अचंभित कर दुनिया से रवाना हो गए! न किसी का सलाम ले सके,
न किसी को सलाम कह सके!
१५ अक्टूबर, १९३१ में रामेश्वरम में जन्मी यह मिसाइल पूरे देश के आकाश पर छा गई,
हर हिंदुस्थानी के दिलो दिमाग में घुस कर अपना घर बना गई!
अपने कठिन कर्म पथ पर चलते तपते देश के हीरो बन गए,
अभियंताओं, वैज्ञानिकों और हर कर्मवीर को कर्मण जीवन की एक नई ऊंचाई दिखा गए! बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे कलाम साहब अपने शिक्षकों के हमेशा ऋणी रहे,
रामेश्वरम में जन्मे-पले लेकिन अंतत: पूरे देश की धड़कन बन धड़कते रहे!
१८ मई, १९७४ को बुद्ध पूर्णिमा के दिन देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को बुद्ध मुस्कुराए का जब संदेशा दिया,
सारी दुनिया सूंघती ही रह गई और देश की जमीं पर दिन-दहाड़े परमाणु परीक्षण कर दिया!
पूरा देश झूम उठा,
डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम का नाम देश में गूंज उठा!
देश को सुरक्षा का ऐसा परमाणु कवच पहना दिया,
देश की कई पीढ़ियों ने बारंबार उनको सलाम किया!
इसरो को स्पेस की दुनिया की एक नई और ऊंची कक्षा में स्थापित किया,
नासा ने भी उनका लोहा माना और अंतरिक्ष में मिले एक बेक्टिरिया को सोलिबेसिलस कलामी नाम दिया!
विंग्स ऑफ फायर में अपनी पूरी जीवन-कहानी लिख गए,
देश के युवाओं को यह एक बेशकीमती संजीवनी दे गए!
बच्चों के तो प्यारे कलाम अंकल रहे,
और उनके लिए कलाम साहब के दरवाजे हमेशा खुले रहे।
माय जर्नी (कविता संग्रह), इग्नाइटेड माइंड्स एवं कई अन्य किताबें लिख गए, देश के बच्चों को पढ़ने की प्रेरणा का बेहतरीन तोहफा दे गए!
सुपरमैन, स्पाइडर मैन जैसे किताबी और काल्पनिक चरित्रों को मीलों पीछे छोड़ गए, मिसाइल मैन का एक असली चरित्र देश के इतिहास में जोड़ गए!
अंतत: कृतघ्न राष्ट्र ने उनको देश का राष्ट्रपति बना दिया,
इस बुद्धिजीवी इंजीनियर वैज्ञानिक के हाथ में पूरा देश दे दिया!
इंजीनियरिंग और साइंस की दुनिया में एक नई मिसाल बना गई,
जिंदगी उनकी जिंदगानी को एक खूबसूरत चमकाता सितारा बना गई!
अपना यह नया रूप जिंदादिल डॉ.कलाम ने ऐसा भरपूर जिया,
पहली बार देश का राष्ट्रपति आम जनता तक पहुंच गया!
देशवासियों ने भी उनका भरपूर आदर सम्मान किया,
आज तक का सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति बना प्यार उपहार स्वरूप दिया!
सादा जीवन उच्च विचार सादगी सफलता और भारतरत्न उन पर फिदा हो गए,
उनकी खूबसूरत मुस्कान और सिल्वर हेयर लॉक्स का हेयरकट हमारी यादों में अमर हो गए!
पंक्षी उड़ गया…और अब हम पिंजरे में उसके निशां ढूंढ़ते हैं,
आकाश में चमकते तारों के बीच सबसे तेज चमकता तारा ढूंढ़ते हैं!
– पंकज गुप्ता मुंबई।