– दोपहिया चालकों पर सख्ती, अन्य वाहनों की अनदेखी
प्रेम यादव / भायंदर
भायंदर-पूर्व गोल्डन नेस्ट सर्कल पर ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लग रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि ट्रैफिक पुलिस का ध्यान यातायात नियमों को लागू करने से ज्यादा वसूली पर केंद्रित है। खासतौर पर दोपहिया वाहन चालकों को निशाना बनाया जा रहा है।
नो-पार्विंâग में खड़े वाहनों और नो-एंट्री में भारी वाहनों के आने-जाने जैसे गंभीर यातायात नियमों को नजरअंदाज किया जा रहा है। वहीं ट्रैफिक पुलिस दोपहिया चालकों के प्रति सख्त रवैया अपना रही है। आरोप है कि पुलिस सड़कों पर दौड़ाकर वाहन चालकों को पकड़ती है और उनसे वसूली करती है।
सूत्रों के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस को हर महीने वसूली के लिए १० लाख रुपए का टार्गेट दिया गया है। आरोप है कि टार्गेट से अधिक की रकम पुलिसकर्मियों में बांट दी जाती है। पान की दुकानों और अन्य स्थानीय व्यापारियों को वसूली की रकम जमा करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
पनवाड़ी बना `खास खाता प्रबंधक’
सूत्रों के अनुसार, एक पनवाड़ी को पुलिसकर्मियों का ‘खास खाता प्रबंधक’ बना दिया गया है। वसूली की रकम उसी के पास जमा की जाती है। यह स्थिति कानून व्यवस्था और पुलिस की साख पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सड़कों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। नो-एंट्री में भारी वाहनों का प्रवेश और अव्यवस्थित पार्विंâग से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन मुद्दों पर पुलिस की नजर नहीं जाती।
एंटी करप्शन विभाग की निष्क्रियता
आरोप है कि भ्रष्टाचार विरोधी विभाग इन घटनाओं पर आंखें मूंदे हुए है। ऊपर से नीचे तक सबका हिस्सा तय होने की बात सामने आ रही है। नागरिकों ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पुलिस को यातायात व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।