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यूपी की जेलों में गुंडों का जलवा! योगी-राज जेल अधिकारियों की भर्ती करो

  • हजारों पद पड़े हैं खाली 
  • हाल ही में तीन जेलर किए गए निलंबित

सामना संवाददाता / लखनऊ
हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चीखते हुए कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे, पर सवाल है कि माफिया काबू में आएगा तब न। यूपी की जेलों में बंद माफिया खुलेआम अपना कारोबार चला रहे हैं, पर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। असल में यूपी की जेलों में कर्मचारियों की भारी कमी है। हजारों पद खाली पड़े हैं। ऐसे में माफियाओं को हैंडल करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। ऊपर से हाल ही में सरकार ने तीन और जेलरों को निलंबित कर दिया। अब जब तक योगी-राज में जेल अधिकारियों का पद नहीं भरता, इन्हें मिट्टी में मिलाने की बात करना गप्प के सिवा कुछ नहीं कहा जाएगा।

जेलों में अधिकारियों की कमी के बारे में जेल अधिकारियों का कहना है कि स्टाफ की कमी के चलते व्यवस्थाएं चलाने और माफियाओं की निगरानी करने में तमाम दिक्कतें पेश आती हैं। उनका कहना एक हद तक सही भी है। जेल सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों और स्टाफ की लगभग ३० प्रतिशत कमी है। इसके साथ ही ऐसे तमाम विभागीय पद हैं, जिन्हें प्रमोशन से भरा जाना है लेकिन लंबे अरसे से प्रमोशन न हो पाने के चलते ये पद खाली चल रहे हैं।
बता दें कि यूपी की जेलों में माफिया राज खत्म करने के तमाम दावे तब हवाहवाई साबित हो गए जब जेल में बंद माफियाओं ने जेल के भीतर और बाहर वारदातें कर सरकार को सीधी चुनौती देनी शुरू कर दी। मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ने बीते दिनों जेलों में अपनी धमक एक बार फिर दिखाई। बागपत जेल और चित्रकूट जेल में गैंगवार हो चुके हैं। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर चित्रकूट जेल में बंद बेटे अब्बास अंसारी को तमाम सुविधाएं दिलवार्इं। यही नहीं अब्बास और उसकी पत्नी निकहत अंसारी की लंबे समय तक जेल के कमरे में निजी मुलाकातें होती रहीं। दूसरी तरफ देवरिया जेल में लखनऊ के कारोबारी को किडनैप करके पीटने और रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी अतीक अहमद भी साबरमती जेल से अपने रंग दिखाता रहा। बरेली जेल में बंद मुख्तार के भाई अशरफ ने राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या की पूरी जमीन तैयार की।
जेलों में खाली पड़े पद
 जेल अधीक्षक के ७२ स्वीकृत पदों में से २३ खाली
 जेलर के ९८ स्वीकृत पदों में से ४ खाली
 डिप्टी जेलर के २९२ रिक्त पदों में से १२८ खाली
 हेड वार्डन के १,५८९ स्वीकृत पदों में से ७१ खाली
 जेल वार्डन के ७,८१५ पदों में से २,०६८ खाली
 चिकित्सा अधिकारी के १५३ पदों में ३६ खाली
 फार्मासिस्ट के १४९ स्वीकृत पदों में ८९ खाली

प्रमोशन से भरे जानेवाले पद
 अपर महानिरीक्षक कारागार के २ विभागीय पद खाली
 डीआईजी कारागार के ७ विभागीय पदों में ६ खाली
 वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड-२ के १० अधिकारियों में ५ पद खाली
 अधिशासी अभियंता और निदेशक कारागार का एक-एक पद खाली

 

 

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