– मरीजों का हो रहा है बुरा हाल
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मनपा की अनदेखी के चलते एक बार फिर से गोवंडी स्थित मदन मोहन मालवीय शताब्दी अस्पताल को शुरू करने की निश्चित तारीख को तीन महीने आगे खिसका दिया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि अस्पताल के पुनर्विकास का काम अभी तक ८५ फीसदी पूरा हो सका है, शेष १५ फीसदी काम को पूरा करने में दो से तीन महीने का समय लगेगा। इसलिए इस अस्पताल को अब अक्टूबर की बजाय दिसंबर में पूरी क्षमत के साथ खोलने की तैयारी की जा रही है। दूसरी तरफ अस्पताल के पुनर्विकास कार्य में हो रही देरी के चलते आसपास रहनेवाले मरीजों का बुरा हाल है।
उल्लेखनीय है कि चेंबूर, गोवंडी, बैगनवाड़ी, मानखुर्द और शिवाजी नगर क्षेत्र के नागरिक इलाज के लिए गोवंडी में स्थित शताब्दी अस्पताल आते हैं। इन क्षेत्रों में रहनेवाले नागरिकों के लिए यह अस्पताल बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। दूसरी तरफ इस अस्पताल में अद्यतन और आधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण यहां आने वाले मरीजों को केईएम, सायन, नायर, राजावाड़ी और जेजे अस्पताल में रेफर किया जाता है। इस समस्या को देखते हुए महाविकास आघाडी के कार्यकाल में गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए इनके पुनर्विकास का पैâसला किया गया था। इसके तहत मनपा शताब्दी अस्पताल के पुनर्विकास का काम कर रही है। इसके साथ ही अस्पताल में बेडों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। फिलहाल, अस्पताल को अक्टूबर में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मनपा प्रशासन की अनदेखी के कारण अब तक अस्पताल का ८५ फीसदी काम ही पूरा हो सका है। इसके चलते अब इसे दिसंबर में शुरू करने का अनुमान है।
८६२ बेडों का होगा अस्पताल
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील पाकले ने कहा कि इस अस्पताल में मौजूदा समय में केवल २१० बेड हैं। हालांकि, पुनर्विकास के बाद यहां बेडों की संख्या बढ़कर ८६२ हो जाएगी। इसके साथ ही मनपा ने इस अस्पताल में अतिविशेष उपचार कक्ष शुरू करने का भी पैâसला किया है। अस्पताल के पुनर्विकास पर करीब ३५६ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
२०१९ में शुरू हुआ था काम
वर्ष २००७ में मनपा ने गोवंडी शताब्दी अस्पताल का भी पुनर्विकास करने का निर्णय लिया था, लेकिन असल में काम वर्ष २०१९ में शुरू हुआ, जो लगातार छह वर्षों से चल रहा है।