मुख्यपृष्ठटॉप समाचारशासन-प्रशासन चुनावी चूरन बांटने में व्यस्त ... गोविंदा भगवान भरोसे!

शासन-प्रशासन चुनावी चूरन बांटने में व्यस्त … गोविंदा भगवान भरोसे!

– ‘ईडी’ सरकार ने सुरक्षा की नहीं की है कोई समीक्षा
– सुरक्षा उपायों में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में विभानसभा चुनाव का बिगुल किसी भी समय बज सकता है। इसके मद्देनजर सभी दल जोरदार तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच आज मुंबई समेत राज्य के कोने-कोने में मटकी फोड़ी जाएगी। मगर इस बार गोविंदाओं को घायल होने से बचाने के लिए ‘ईडी’ सरकार ने सुरक्षा की कोई समीक्षा ही नहीं की है। इसके साथ ही सुरक्षा उपायों में भी किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। एक तरफ जहां शासन-प्रशासन चुनावी चूरन में व्यस्त है, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने गोविंदाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई और आसपास के इलाकों में दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता रहा है। ऊंची दही हांडी फोड़ते वक्त कई बार गोविंदा पथक में शामिल गोविंदा की ऊंचाई से गिरने पर मौत हो जाती है। कई बार हाथ-पैर में चोट लगने के कारण व्यक्ति अपाहिज भी हो जाता है। हालांकि, इस जोखिम को दूर करने की बजाय ‘घाती’ सरकार केवल खानापूर्ति करने का काम कर रही है।

क्या हुआ तेरा वादा?
‘घाती’ सरकार ने की थी गोविंदा को खेल का दर्जा देने की घोषणा!
-दो साल बीत गए, स्थिति जस की तस

कोरम पूरा करने और चुनाव में गोविंदाओं को रिझाने के लिए १० लाख रुपए तक का बीमा कवर उपलब्ध कराने की जोरशोर से घोषणा की गई है। पर यह सब पहले से होता आया है।

आज मुंबई समेत पूरा महाराष्ट्र ‘गोविंदा आला रे’ की मस्ती में डूबा हुआ है। दूसरी तरफ दही हांडी उत्सव के दौरान जान जोखिम में डालकर मटकी फोड़ने वाले गोंविदाओं की सुरक्षा को लेकर ‘घाती’ सरकार पूरी तरह से लापरवाह है। यही वजह है कि इस बार आज तक इस सरकार ने मामूली और गंभीर चोटिल होने से गोविंदाओं को बचाने के लिए किसी तरह की कोई समीक्षा नहीं की है। यही कारण है कि इस साल भी उनकी सुरक्षा न तो किसी तरह के ठोस उपाय किए गए हैं और न ही कोई बढोतरी की गई है। इस वजह से गोविंदा मंडलों में भारी नाराजगी देखी गई है। यही नहीं दो साल पहले ‘घाती’ सरकार ने गोविंदा को खेल का दर्जा देने की घोषणा भी की थी, पर आज भी स्थिति जस की तस है। इस कारण गोविंदा मंडलों में भारी नाराजगी है।
बता दें कि कोरम पूरा करने और चुनाव में गोविंदाओं को रिझाने के लिए १० लाख रुपए तक का बीमा कवर उपलब्ध कराने की जोर-शोर से घोषणा की गई है। पर यह सब पहले से होता आया है। सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत इस साल एक लाख से अधिक गोविंदाओं को कवर किया गया है। दूसरी तरफ गोविंदा मंडलों का कहना है कि ‘घाती’ सरकार ने साल २०२२ में गोविंदा को खेल का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं किया गया है। उनका आरोप है कि यह सरकार तीन सालों से गोविंदाओं को केवल लॉलीपाप देने का काम कर रही है।
‘घाती’ सरकार द्वारा हर साल मुंबई मनपा और सरकारी अस्पतालों में घायल गोविंदाओं के इलाज को लेकर तैयार रहने का निर्देश जारी दिया जाता है। यह आदेश इस साल भी दिया गया है। मनपा के नायर, केईएम में १०-१० बेड आरक्षित रखे गए हैं। इसी तरह जेजे में एक विशेष टीम गठित की गई है, जो १४ घंटे सतर्क रहेगी। इस बीच गंभीर रूप से घायल गोविंदाओं की सर्जरी करने की नौबत आने पर उनकी स्थिति को स्थिर करके फिर रेफर किया जाएगा। प्रमुख अस्पतालों को जरूरत पड़ने पर सर्जरी के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया है। पॉलीट्रॉमा या चोटों के साथ आनेवाले गंभीर चोटिल गोविंदाओं ट्रॉमा वॉर्ड और आईसीयू में भर्ती करने का आदेश दिया गया है।

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