बारिश की रफ्तार पड़ी धीमी,थम नहीं रहीं मौसमी बीमारियां
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बारिश की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसी के साथ कुछ ही दिनों में बारिश का दौर खत्म हो जाएगा और ठंडी शुरू होगी। इस सबके बीच मायानगरी मुंबई में मौसमी बीमारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आलम यह है कि मुंबई को डेंगू, मलेरिया और गैस्ट्रो ने इस कदर जकड़ लिया है कि अब मनपा भी टेंशन में आ गई है। इसी में अब मुंबईकरों को सामान्य सर्दी और बुखार ने भी परेशान कर दिया है, जिससे लोग बेहाल दिखाई दे रहे हैं।
मुंबई मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में १५ दिनों में मलेरिया के ६५२, डेंगू के ७०५, गैस्ट्रो के ३२६, चिकनगुनिया के ७८, लेप्टो के ३५, हेपेटाइटिस के ५९ और स्वाइन फ्लू के ४६ मरीज मिले हैं। दूसरी तरफ पिछले महीने में मलेरिया के ११७१, डेंगू के १०१३, गैस्ट्रो के ६९४, लेप्टो के २७२, हेपेटाइटिस के १६९, चिकनगुनिया के १६४ और स्वाइन फ्लू के १७० मरीज मिले हैं। जुलाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो डेंगू के ५३५, मलेरिया के ७९७, गैस्ट्रो के १२३९, लेप्टो के १४१, स्वाइन फ्लू के १६१, चिकनगुनिया के २५ और हेपेटाइटिस के १४६ मामले दर्ज किए गए। मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दक्षा शाह ने बताया है कि पानी में घातक कीटाणुओं का नाश करने के लिए ८७५९ क्लोरीन टैबलेट वितरित किए गए। इसके अलावा गैस्ट्रो से पीड़ित मरीजों को ११८१६ ओआरएस वितरित किए गए।
मारे जा रहे हैं चूहे
लेप्टो को कंट्रोल करने के लिए जहरीली दवाओं का इस्तेमाल करके ४५८ चूहों को मारा गया है। इसके साथ ही पिंजरे से १०८१ और नाइट रैट किलिंग के माध्यम से ९१४८ चूहों को मारा गया। वहीं लेप्टो से बचाव के लिए ९०६१ लोगों को प्रतिबंधात्मक दवाइयां दी गई। इतना ही नहीं ३३३६४४ इमारतों और झोपड़पट्टियों में ७९८२ मशीनों से फ्युमिगेशन किया गया है।
डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए ५७८२३२ इमारतों, कंस्ट्रक्शन साइटों और झोपड़पट्टियों में स्थित घरों की जांच की गई। इसके साथ ही ६१४८७९ कंटेनरों की भी जांच की गई। इस बीच २७२९३ प्रजनन स्रोतों और ११२३५ स्थलों पर लार्वा का पता लगाकर उन्हें नष्ट किया गया।