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जनता की अस्मिता, कानून व्यवस्था, किसान के हितों की रक्षा करने में सरकार विफल …विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर जताई नाराजगी

सामना संवाददाता / मुंबई
यह सरकार मुंबईकरों की अस्मिता, कानून व्यवस्था, किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। महायुति सरकार औद्योगिक क्षेत्र को पीछे ले जा रही है और इस बार तो एक लाख करोड़ से अधिक घाटे का बजट पेश किया है इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण जनहित में नहीं बल्कि शिंदे सरकार के बचाव में दिख रहा है। विधान परिषद में विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अभिनंदन प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह राज्य के विकास के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का भाषण नीरस है। राज्य को दिशाहीन, अर्थहीन और गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि जब जलयुक्त शिवार योजना का पहला चरण पूरा हो गया था और दूसरा चरण पूरा हो रहा है तो हजारों टैंकर पानी सप्लाई के लिए क्यों तैनात किए गए हैं। दानवे ने कहा कि जलस्तर नहीं बढ़ने से साफ है कि भ्रष्टाचार हो रहा है। युवा रोजगार से वंचित हैं। राज्य में शिंदे सरकार के आने के बाद से साढ़े छह हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ट्रिपल इंजन सरकार के पास तीन इंजन तो हैं, लेकिन तीन तरफ हैं और वे अलग-अलग दिशा में जा रहे हैं। वर्तमान सरकार महाराष्ट्र को पतन की ओर ले जा रही है। इस सरकार के दौरान युवा नशे की लत में फंसे हुए हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार दोनों समुदायों के बीच टकराव पैदा करने का काम कर रही है। दानवे ने आलोचना करते हुए कहा कि जिस अटल सेतु का प्रधानमंत्री ने बड़े धूमधाम से उद्घाटन किया था, उसमें दरारें आ गर्इं।

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