सामना संवाददाता / उल्हासनगर
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से ७८ किलोमीटर दूर स्थित पंढरपुर श्रीतीर्थ स्थल की दशा दयनीय है। राज्य की शिंदे सरकार की अनदेखी का नतीजा है कि भक्तों को घंटों लाइन में खड़ा कर दिया जाता है। घंटों लाइन में खड़े होने पर भक्तों को नारकीय दशा का अनुभव होता है। इस बात को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा गया।
बता दें कि उल्हासनगर के सेंचुरी रेयान कंपनी के दर्जनों लोग दर्शन हेतु पंढरपुर गए थे। चंद्रभागा नदी परिसर में भारी मात्रा में गंदगी का अंबार लगा था। इतना ही नहीं, दर्शन की व्यवस्था जहां से की गई थी वह एक गलीनुमा दो घरों के बीच संकरी जगह थी। उस जगह पर जगह-जगह पानी जमा था। आगे एक मंच बनाया गया है, जिसके ऊपर से हजारों लोग चलते हैं। वर्षों पूर्व बनाया गया यह लोहे का मंच कितना मजबूत है इसकी गारंटी तो मंदिर समिति या पंढरपुर नपा ही ले सकती है? इस मंच की सुरक्षा की अनदेखी की गई तो भक्तों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। पानी की बोतल, पैक खाद्य सामग्री का प्रयोग करने के बाद उसे कहां फेंके यह सवाल खड़ा होता है। नदी से लेकर मंदिर परिसर तक कहीं भी कचरा कुंडी की व्यवस्था नहीं की गई है। अत्यावश्यक सेवा के लिए बीच-बीच में फोन लगाया गया है, परंतु वैâसे लगेगा किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। तकरीबन एक से दो किलोमीटर दूर से सामान्य लोगों के लिए लाइन लगती है। बीच में घंटों ऑनलाइन या फिर वीआईपी लोगों के लिए काफी समय तक सामान्य लोगों के दर्शन को बंद कर दिया जाता है। ऐसा करने से भक्तों में नाराजगी का माहौल देखा गया। संजीव पाटील नामक एक भक्त ने बताया कि आस्था के साथ दूर-दूर से आनेवाले भक्तों की आस्था टिकी रहे इसके लिए सोलापुर जिलाधिकारी, नपा प्रशासन, राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को चाहिए कि भक्तों को पंढरी के भरोसे छोड़ने की बजाय साफ-सफाई के साथ ही भक्तों की अन्य सुख-सुविधाओं पर ध्यान दें। प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी अनदेखी के चलते कहीं भक्तों की आस्था पर ठेस तो नहीं पहुंच रही है।