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डरी हुई है सरकार, दिवाली के बाद होगा चुनाव! … जयंत पाटील का दावा

सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में माहौल गरमाने लगा है। मुंबई के षण्मुखानंद सभागार में कल आयोजित मविआ की संकल्प सभा से चुनाव का बिगुल फूंका गया। इस दौरान जयंत पाटील की मजाकिया टिप्पणी के बाद मंच पर मौजूद नेताओं के साथ-साथ सामने मौजूद पदाधिकारियों के बीच भी ठहाके गूंज उठे!
महाराष्ट्र सरकार डरी हुई सरकार है। वे चुनाव से डरते हैं। महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें लोकसभा में बड़ा झटका दिया। उनमें अक्टूबर में चुनाव कराने की हिम्मत नहीं होगी इसलिए ये चुनाव दिवाली के बाद ही होंगे। मेरा अनुमान है कि चुनाव १५-२० नवंबर के बीच होंगे। जयंत पाटील ने बीजेपी पर इन शब्दों में हमला बोला कि उनमें उससे पहले चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए आयोजित टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। १३ अगस्त को महाराष्ट्र कैबिनेट द्वारा ६ हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। सरकारी टेंडर प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठाते हुए जयंत पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम के पास कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। उस निगम को ३७ हजार करोड़ रुपए की सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। जयंत पाटील ने आरोप लगाया कि निगम केवल प्रतिशत लेकर काम देने का व्यवसाय कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले इस सरकार ने ९० हजार करोड़ रुपए की सड़कों के टेंडर जारी किए थे। जालन्या से नांदेड़ तक सड़क की अनुमानित लागत ११ हजार करोड़ रुपए है, लेकिन टेंडर १५ हजार करोड़ रुपए का जा रहा है। जयंत पाटील ने यह भी बताया कि एक किलोमीटर की लागत ८३ करोड़ रुपए है।

विरार से सस्ता है चांद पर जाना!
इस मौके पर जयंत पाटील ने अलीबाग से विरार तक कॉरिडोर प्रोजेक्ट का जिक्र किया। अलीबाग से वसई-विरार तक पहुंचने के लिए ९६ किमी का कॉरिडोर बनाया जाएगा। अनुमानित लागत २० हजार करोड़ रुपए है। अब यह २६ हजार करोड़ रुपए का टेंडर चल रहा है। एक किलोमीटर की लागत २७३ करोड़ रुपए होगी। चंद्रमा ३८५ हजार कि.मी. पर है। जैसे ही जयंत पाटील ने कहा कि नाना पटोले को पता होगा कि चांद कहां है, मंच पर बैठे नेताओं के बीच ठहाके गूंज उठे। उन्होंने कहा कि वहां हमारा चंद्रयान सिर्फ ६०० करोड़ में चला गया, लेकिन वसई-विरार की तीन किलोमीटर की सड़क पर ६०० करोड़ रुपए खर्च होंगे। जयंत पाटील के ऐसा कहते ही पूरा सभागृह ठहाकों से गूंज उठा।

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