पर्यावरण अनुकूल वाहनों पर सब्सिडी कर दी बंद
सामना संवाददाता / मुंबई
पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति पिछले कुछ वर्षों में लोगों की रुझान बढ़ी थी, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन वाहनों पर दी जानेवाली सब्सिडी बंद किए जाने से इनकी बिक्री में काफी गिरावट आई है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देती थीं। इस वजह से महंगी होने के बावजूद लोगों का झुकाव इन गाड़ियों की तरफ बढ़ा था। लोग इन गाड़ियों को इस वजह से भी खरीदते थे क्योंकि ये गाड़ियां पेट्रोल-डीजल की तुलना में काफी किफायती साबित हो रही थीं। बताया जाता है कि जब से इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलनेवाली सब्सिडी सरकार ने बंद की है, तब से इनकी बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में मई के मुकाबले जून २०२४ में १४ प्रतिशत की गिरावट आई है। वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंंकि सरकारी नीतियों में बदलाव के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों की उदासीनता प्रमुख कारक हो सकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, जून २०२४ में ईवी की बिक्री मई में की गई १,२३,७०४ ईवी की तुलना में १४ प्रतिशत से भी ज्यादा घटकर १,०६,०८१ रह गई। यह इस वर्ष में बिक्री की सबसे कम संख्या है। इस साल अब तक करीब ८,३९,५४५ इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं, जो कुल बिके १,२५,४१,६८४ वाहनों का करीब ६.६९ प्रतिशत है। इलेक्ट्रिक वाहनों की कम बिक्री का दूसरा सबसे बड़ा कारक ई-दोपहिया वाहनों के लिए कम प्रोत्साहन, हाईब्रिड में उपभोक्ताओं का बढ़ता विश्वास, चार्जिंग के दमदार बुनियादी ढांचे की कमी बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में इस साल और पिछले साल जून का महीना सबसे खराब प्रदर्शन करनेवाला रहा है।
बता दें कि पिछले साल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम सब्सिडी को लगभग ६० हजार रुपए से घटाकर लगभग २२,५०० रुपए करने का केंद्र सरकार के पैâसले की वजह से ईवी की बिक्री में गिरावट आई थी। सरकार के इस कदम में ई. दोपहिया वाहनों की औसत कीमत में २० फीसदी से ज्यादा का इजाफा हो गया, जो आमतौर पर ८०,००० रुपए से १,५०,००० रुपए के बीच होती है। ऐसे में यही कहा जा रहा है कि सरकार ईवी वाहनों को बढ़ावा देने से कतरा रही है।
वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार नहीं चाहती है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में इजाफा हो। इसके पीछे जो कारण बताया जा रहा है, वह पेट्रोल और डीजल पर लगनेवाला ‘वैट’ है क्योंकि वैट से सरकारों की काफी कमाई होती है। यदि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ी तो पेट्रोल-डीजल की बिक्री प्रभावित होगी।