सामना संवाददाता / नई दिल्ली
१९४७ में देश विभाजन के बाद पाकिस्तान जानेवाले कई मुस्लिमों की वर्तमान पीढ़ियों का अब पछतावा हो रहा है। सोशल मीडिया पर वे खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्तान की पत्रकार आरजू काजमी ने कुछ सप्ताह पहले इस भावना का इजहार करते हुए लिखा था कि ‘दादाजी ने वाट लगा दी।’ अब एक अन्य पाकिस्तानी मुस्लिम ने अमेरिका में अपनी भावना का इजहार किया है। इस शख्स का भी कहना है कि उसके ‘दादा ने बड़ी गलती की!’
बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी, राजनितिक अस्थिरता और अपने ही पाले-पोसे आतंकवाद से बुरी तरह जूझ रहा है। ऐसे माहौल में पाकिस्तान की आईएसआई के इशारों पर नाचने से मना करने के बाद मोहम्मद शायन अली को अपनी हत्या का डर सता रहा था। पाकिस्तान छोड़ने के बाद अली सोशल मीडिया के जरिए लगातार अपना दर्द साझा कर रहे हैं। ऐसे ही एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘पाकिस्तान जैसी कोई चीज ही नहीं है। पाकिस्तान की स्थापना मजहब के आधार पर की गई थी, न कि इसलिए कि विश्व को इसकी आवश्यकता थी। मेरे दादा-दादी ने हिंदुस्थान की जगह पाकिस्तान को केवल इसलिए चुना क्योंकि वे मुसलमान थे। यह मेरे दादा-दादी की सबसे बड़ी गलती थी।’
‘पाकिस्तान छोड़ने की कहानी’
इससे पहले अली ने ट्विटर पर ‘पाकिस्तान छोड़ने की मेरी कहानी’ शीर्षक से एक पोस्ट शेयर कर अपनी आपबीती बताई थी। इसमें उन्होंने कहा था, ‘मैंने पाक फौज के पीआर विंग के कश्मीर से जुड़े एक म्यूजिक वीडियो (हिंदुस्थान के खिलाफ नफरत वाला) में जब काम करने से इंकार कर दिया, तो उन्होंने मुझ पर मेरे सुनहरे बालों की वजह से ‘रॉ’ के जासूस और यहूदी एजेंट होने का इल्जाम लगाया। मैं खुशकिस्मत था कि मैंने पाकिस्तान को सुरक्षित छोड़ दिया, मगर फिर भी आतंकवादी आईएसआई के खिलाफ मेरा संघर्ष कभी खत्म नहीं हुआ।’