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उल्हासनगर के नालों में कचरा फैलाने वालों को रोकने में ग्रीन मार्शल फेल…नालों में बहता है कचरा…प्रशासन से नहीं डरते हैं स्थानीय लोग

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर के शहर के नालों, वालधुनी नदी हो या शहर के बड़े नाले में कचरा न फेंकने के तमाम तरह के जागरुकता अभियान, प्रतिबंधक उपाय, दंडात्मक कार्रवाई के बावजूद उल्हासनगर के लोग नदी, नाले में कचरा फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। मनपा का सफाई विभाग नदी, नालों में कचरा फेंकने वालों को रोकने में फेल साबित हो रहा है।
बता दें कि उल्हासनगर में करीबन 25 बड़े नाले हैं, जिसका पानी उल्हास, नदी, वालधुनी नदी के मार्फत वसई की खाडी़ में जाकर मिलती है। इस नाले के मार्फत बड़ी मात्रा में कचरा आता है। मनपा सफाई विभाग की मानें तो नाले में कचरा फेंकने से रोकने के लिए 20 प्रभाग के लिए 20 ग्रीन मार्शल रखे गए हैं, जो नाले में कचरा फैलाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई करते हैं। 32 जगह जहां से कचरा फेंका जाता है। ऐसे पुल अन्य जगह के दोनों तरफ जाली लगाने का काम शुरू है। 16 जगहों पर जाली लगाई गई है। 16 जगह पर जल्द लगाया जाएगा। लोगों में सफाई, कचरा कहीं पर भी न फेंकें इसको लेकर जन जागृति के अभियान छेड़े गए। 6 साल में आठ हजार डंपर कचरा वालधुनी। इतना सब करने के बाद भी कचरा फेंकने का काम जारी है।
उल्हासनगर मनपा के प्रभाग अधिकारी, अतिक्रमण निर्मूलन विभाग के सहायक आयुक्त मनीष हिवरे ने बताया कि आयुक्त मनिशा आव्हाले के मार्गदर्शन में नाले, नदी की सफाई इस संकल्प से किया जा रहा है कि एक न एक दिन उल्हासनगर के लोगों मे सुधार आएगा। जिससे शहर का नदी, नाला कचरा मुक्त होगा। उल्हासनगर के नाले कचरा मुक्त दिखाई देंगे। एक दिन ऐसा आएगा कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के समीप से बहने वाली वालधुनी नदी के ऊपर से आने-जाने वाले रेल यात्री जो नाक पर रुमाल रखकर आते-जाते हैं। उन्हें राहत जरूर मिलेगी। उल्हासनगर के लोगों की आदत में एक दिन सुधार जरूर होगा।

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