सामना संवाददाता / मुंबई
कुछ महीने पहले ड्रग्स तस्करी के आरोप में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार आशीष डागा को सेशन कोर्ट से भी जमानत मिल गई है। इसके पहले स्थानीय कोर्ट ने भी उसे जमानत दे दी थी। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी और जीआरपी के साथ आर्थिक लेन-देन और कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर संदेह जताया जा रहा है। बता दें कि आरोपी के पास से १० लाख रुपए का एमडी बरामद हुआ था, इसके बावजूद आरोपी की जमानत जिस तरह से आसानी से मंजूर हो रही है उसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, इस मामले में आरोपी के वकील ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया और कहा कि आरोपी यात्री को गिरफ्तार करने के बाद नियमानुसार सुबह कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन आरोपी को दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब कोर्ट मे पेश किया गया। उसे जानबूझकर फंसाया जा रहा है। वहीं शिकायतकर्ता संजय दमानी के वकील कार्ल पटेल का कहना है कि जिस दिन आरोपी पकड़ा गया था, उस दिन तो संजय दमानी के केस की कोई डेट नहीं थी। साथ ही सुनीता दमानी के केस में भी आरोपी ने एग्जम्शन लिया हुआ था। पटेल के अनुसार, ड्रग तस्करी के अलावा आरोपी पर महिला के साथ छेड़छाड़, फर्जी हस्ताक्षर करने सहित चीटिंग का भी मामला दर्ज है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि दमानी के साथ चल रहे अन्य मामले में भी आरोपी आशीष डागा पुलिस को सेट करते हुए रंगे हाथ पकड़ा जा चुका है।