मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में घायल हुए गनर राघवेंद्र की पीजीआई में इलाज के दौरान मौत हो गई खबर फैलते ही प्रयागराज से लखनऊ तक माहौल शोकाकुल हो गया। बता दें कि घायल राघवेंद्र की जान बचाने के लिए ५ सिपाहियों ने अपना रक्तदान किया था। हर किसी ने उनकी जान बचाने के लिए अपनी जान लगा दी थी, लेकिन मौत के सामने किसी की नहीं चली। एक समय लगा था कि सिपाहियों द्वारा राघवेंद्र को दिया गया ५ यूनिट खून संजीवनी बूटी साबित हुआ है। इसके बाद राघवेंद्र को २ यूनिट खून और दिया गया, जिसके बाद राघवेंद्र का हीमोग्लोबिन ७ हो पाया था। दरअसल उमेश पाल हत्याकांड के दौरान चले गोली-बम से सिपाही राघवेंद्र के शरीर से खून पूरी तरह निकल चुका था। राघवेंद्र का उपचार अब एउझ्उघ् लखनऊ में हो रहा था। बुधवार की शाम एसजीपीजीआई लखनऊ में उनका निधन हो गया।
ऑपरेशन कर निकाली गई थी ३ गोलियों
बता दें कि प्रयागराज में बीते शुक्रवार को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में उमेश पाल के एक गनर संदीप निषाद की मौत हो गई थी, जबकि दूसरा गनर राघवेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। आनन-फानन में राघवेंद्र को इलाज के लिए प्रयागराज के एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। गनर की हालत में सुधार न होने पर बीते शनिवार को उन्हें पीजीआई के ट्रामा सेंटर में शिफ्ट किया गया था। जहां गनर की हालत नाजुक बनी हुई थी। घटना में राघवेंद्र को भी गोलियां लगी थीं। ऑपरेशन कर तीनों गोलियों को निकाल दिया गया था। राघवेंद्र के निधन के बाद इस हाईप्रोफाइल हत्याकांड में तीसरी मौत हुई है।