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शिक्षक दिवस विशेष : गुरु की महिमा

गुरु की महिमा
गुरु ज्ञान बड़ा है जग में,
सुमिरन करूं में नाम।
धोकर व्यथा का मेल,
‌करूं गुरु का ध्यान
पुनर्जन्म के फेरे मे,
मुक्त न हो पाया जीवन।
दिव्य प्रकाश के अज्ञान मे,
‌‌ भटक रहा यह मन।
गुरु ज्ञान जिसे मिले,
हीरा जन्म उसे मिले।
तमस बना अंतर्मन मे,
धन दौलत का मोह।
कर रहा दुराचार,
तमस बना अभिमान।
तब बचाने आएगे गुरूवार
दुर्गम जगत की खोह।
मन की व्यथा धोकर,
करो गुरु का ध्यान।
गुरू कृपा ही बदल देगी,
जीवन की हर बात।
गुरूवार मिलने आएंगे,
एक दिन ढूंढेंगे तेरे द्वार।
सुगम सरल हो जाएगी,
जीवन की तेरी धार। गुरु ज्ञान बड़ा है जग में
सुमिरन करूं में नाम।

गोविन्द सूचिक अदनासा
जिला -हरदा नर्मदापुरम संभाग
मध्यप्रदेश

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